नई दिल्ली : ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) ने वयस्क आबादी में उपयोग के लिए कोरोना टीकों- कोविशील्ड, कोवैक्सीन को रेगुलर मार्केट अप्रूवल (DCGI grants regular market approval) दे दिया है. समाचार एजेंसी पीटीआई ने आधिकारिक सूत्रों के हवाले से यह जानकारी दी है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने कहा कि केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) ने वयस्कों के लिए अब कोवैक्सीन और कोविशील्ड को कुछ शर्तों के साथ आपातकालीन परिस्थितियों में प्रतिबंधित इस्तेमाल की अनुमति को नई सामान्य दवा में अपग्रेड कर दिया है.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि शर्तों में Co-Win एप पर पंजीकरण करने के साथ ही प्रोग्राम से संबंधित वैक्सीन की आपूर्ति और हर 6 महीने का चल रहे क्लीनिकल परीक्षणों का डेटा जमा करना अनिवार्य रखा गया है. टीकाकरण के बाद होने वाले प्रतिकूल प्रभावों पर नजर रखी जाएगी. उन्होंने कहा कि नि:शुल्क टीकाकरण का सरकारी अभियान जारी रहेगा.
मंजूरी के तुरंत बाद, उच्च पदस्थ सूत्रों ने कहा कि दोनों टीके अब निजी क्लीनिकों में पूर्व-निर्धारित अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) पर उपलब्ध होंगे और लोग उन्हें खरीद सकते हैं. एक सूत्र ने कहा, 'तथ्य यह है कि जो लोग बूस्टर खुराक प्राप्त करने के इच्छुक हैं, वे अब निजी क्लीनिकों के माध्यम से इसका लाभ उठा सकते हैं क्योंकि निजी क्लीनिकों में उपलब्ध टीके का उपयोग किसी भी उद्देश्य के लिए किया जा सकता है, चाहे वह पहली खुराक हो, दूसरी खुराक या बुस्टर खुराक हो.'
स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि सरकार द्वारा अपनाया गया सक्रिय और चुस्त दृष्टिकोण कोविड-19 के प्रबंधन की उसकी रणनीति की पहचान रहा है. सरकार के मुताबिक देश में दो टीकों को डीसीजीआई द्वारा दी गई सशर्त नियमित विपणन मंजूरी उस मुस्तैदी और समयबद्धता को इंगित करती है जिसमें देश की सार्वजनिक प्रतिक्रिया रणनीति और निर्णय लेने वाले तंत्र के जरिये महामारी का मुकाबला किया गया है.
बता दें कि सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) के निदेशक (सरकारी और नियामक मामले) प्रकाश कुमार सिंह ने इस मामले में 25 अक्टूबर को डीसीजीआई को एक आवेदन दिया था. इसके बाद डीसीजीआई ने पुणे स्थित कंपनी से अधिक डेटा और दस्तावेज मांगे थे, जिसके बाद सिंह ने हाल में अधिक डेटा और जानकारी के साथ एक जवाब प्रस्तुत किया था. उन्होंने कहा था, 'कोविशील्ड के साथ इतने बड़े पैमाने पर टीकाकरण और कोविड-19 की रोकथाम अपने आप में टीके की सुरक्षा और प्रभावशीलता का प्रमाण है.'
कोवैक्सीन और कोविशील्ड को आपात प्रयोग की अनुमति
डीसीजीआई को भेजे गए एक आवेदन में हैदराबाद स्थित भारत बायोटेक के पूर्णकालिक निदेशक वी. कृष्ण मोहन ने कोवैक्सीन के लिए नियमित विपणन मंजूरी की मांग करते हुए टीके से संबंधित समूची जानकारी उपलब्ध कराई थी. मोहन ने आवेदन में कहा था कि भारत बायोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड (बीबीआईएल) ने भारत में टीके (कोवैक्सीन) के विकास, उत्पादन और चिकित्सीय मूल्यांकन करने की चुनौती स्वीकार की थी. बता दें कि कोवैक्सीन और कोविशील्ड को तीन जनवरी को आपातकालीन उपयोग प्राधिकार (ईयूए) दिया गया था.