नई दिल्ली/वॉशिंगटन : भारत में आवश्यक जीवनरक्षक चिकित्सा सामान लेकर जाने वाले अमेरिकी वायु सेना के विमानों की उड़ान में मरम्मत संबंधी दिक्कतों के कारण बुधवार तक की देरी हो गई है.
पेंटागन के एक प्रवक्ता ने सोमवार को यहां कहा, हमें अभी पता चला है कि भारत के लिए उड़ान भरने वाले विमानों में मरम्मत संबंधी दिक्कतों के कारण कम से कम बुधवार तक की देरी हो गई है.
अभी तक भारत में अमेरिकी वायु सेना के दो विमान पहुंचे हैं.
कोरोना वायरस के मामलों में बेतहाशा वृद्धि के बीच आवश्यक चिकित्सा सामान की आपूर्ति करने के लिए अमेरिकी वायु सेना के तीन सी-5 सुपर गैलेक्सीज तथा एक सी-17 ग्लोबमास्टर विमानों को सोमवार केा भारत जाना था.
बहरहाल, अधिकारियों ने यह नहीं बताया कि इससे भारत में आपात चिकित्सा सामान मुख्यत: ऑक्सीजन सिलेंडर और सांद्रक की आपूर्ति पर क्या असर पड़ेगा.
इससे पहले, पेंटागन के प्रेस सचिव जॉन किर्बी ने पत्रकारों से कहा कि भारत को स्वास्थ्य देखभाल आपूर्ति करने के लिए अमेरिका के विमान उड़ान भरते रहेंगे.
उन्होंने कहा, हम भारत सरकार और उनके नागरिकों की सहायता करते रहेंगे क्योंकि वे कोविड-19 के मामलों में वृद्धि से जूझ रहे हैं.
उन्होंने कहा, हम भारत में अपने समकक्षों के संपर्क में रहेंगे ताकि यह पता चल सके कि क्या वहां अतिरिक्त मदद की जरूरत है. रक्षा मंत्री ने भारत में अपने समकक्ष से बातचीत में स्पष्ट कहा कि हम हरसंभव तरीके से उनकी मदद करते रहेंगे.
सीनेटर एमी क्लोबुचर ने कहा कि भारत में यह संकट इस बात की याद दिलाता है कि हम कोविड-19 को तभी हरा सकते हैं जब हम हर जगह इसे परास्त कर दें.
इस बीच भारत में कोरोना वायरस के मामले बढ़ने पर चिंता जताते हुए अमेरिका के शीर्ष स्वास्थ्य विशेषज्ञ और व्हाइट हाउस के मुख्य चिकित्सा सलाहकार डॉ. एंथनी फाउची ने देशभर में लॉकडाउन लगाने, व्यापक पैमाने पर टीकाकरण अभियान चलाने और बड़ी संख्या में अस्थायी अस्पताल बनाने की सलाह दी है.
दुनिया में संक्रामक रोग के शीर्ष विशेषज्ञ माने जाने वाले डॉ. फाउची ने सोमवार को एक साक्षात्कार में ‘पीटीआई-भाषा’ को कहा, यह साफ है कि भारत में हालात बेहद गंभीर हैं.
उन्होंने कहा, जब इतनी बड़ी संख्या में लोग संक्रमित हो रहे हो, हर किसी की पर्याप्त देखभाल न हो पा रही हो, अस्पतालों में बिस्तरों, ऑक्सीजन और अन्य चिकित्सा सामान की कमी हो तो यह बेहद निराशाजनक स्थिति बन जाती है. इसे देखते हुए हमें लगता है कि पूरी दुनिया को हरंसभव तरीके से मदद करनी चाहिए.