हैदराबाद : कोरोना काल में दुनियाभर में बेहद तनाव देखा गया. दुनिया के तमाम देश वैक्सीन के लिए विकसित देशों, या अपने पड़ोसी देशों की ओर नजर बनाए रखे हुए हैं. ऐसे में भारत वैक्सीन का बड़ी मात्रा में उत्पादन के साथ अन्य देशों से अपने संबंधों को दुरुस्त करने की ओर रुख कर रहा है. इस कड़ी में ईरान भी है, जिसके साथ भारत के संबंध ठीक होने के आसार हैं. कई देशों के बीच ईरान भी है, जिसने महामारी से बुरी तरह पस्त होने के बाद भारत द्वारा उत्पादित टीकों की मांग की है.
रूस और चीन से भी मांगी सहायता
ईरान, पश्चिम एशियाई थिएटर की एक प्रमुख और महत्वपूर्ण ताकत है. अब गर्म माहौल में भारत-ईरान संबंधों को फिर बहाल करने के लिए एक नई खिड़की खुलती दिख रही है. भारत के अलावा, ईरान ने भी ब्रिटेन और अमेरिका से किसी भी आयात पर प्रतिबंध लगाते हुए चीन और रूस से वैक्सीन सहायता मांगी है.
भारत चाबहार बंदरगाह सौदे पर चर्चा को इच्छुक होगा, जो ईरान के रणनीतिक पारगमन गलियारे का निर्माण करने में महत्वपूर्ण होगा, जो अफगानिस्तान, मध्य एशिया और यहां तक कि रूस तक व्यापार पहुंच में मददगार साबित होगा.
ईरान-भारत संबंधों के लिए अहम है कदम
ईरान के साथ एक अच्छा संबंध कश्मीर में शांति की शुरुआत करने के लिए भी महत्वपूर्ण है, जिसमें एक महत्वपूर्ण शिया आबादी है, जिसका अच्छा खासा प्रभाव देखने को मिलता है.
अतीत में, ईरान अपनी भू-स्थानिक नीतियों में और विशेष रूप से पाकिस्तान जैसे सुन्नी बहुल देशों की जांच में भारत का प्रमुख बैकर रहा है.