नई दिल्ली: 16 मार्च से शुरू हुए देश में 12 से 14 वर्ष के आयु वर्ग के बच्चों का टीकाकरण अभियान का एक सप्ताह पूरा हो गया. पिछले छह दिनों में अधिकारिक सुचना के अनुसार 34 लाख से ज्यादा बच्चों को पहली खुराक दी गई. देश में इस आयु वर्ग के बच्चों के टीकाकरण में तेजी दिख रही है क्योंकि वैक्सीन की लगभग आधी खुराक 21 मार्च तक दे दी गई थी. हालाँकि, विभिन्न राज्यों के प्रदर्शन में भारी असमानताएं हैं क्योंकि माता-पिता देश में चौथी लहर के फैलने से पहले अपने बच्चों की रक्षा कवच अर्थात वैक्सीन लगवाना चाहते हैं. कुछ राज्य इस दौड़ में पिछड़ते दिख रहे हैंं क्योंकि एक नई कोविड लहर पहले ही पूर्वी एशिया के देशों जैसे चीन, जापान और उत्तर कोरिया को प्रभावित कर चुकी है.
8 राज्यों ने 1 लाख से अधिक खुराक लगायी
आठ बड़े राज्यों ने 12-14 वर्ष के आयु वर्ग के बच्चों को एक लाख (1,00,000) से अधिक टीके की पहली खुराक दी है. ये राज्य हैं गुजरात, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, महाराष्ट्र, ओडिशा, तमिलनाडु और तेलंगाना. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का गृह राज्य गुजरात 22 मार्च को सुबह 7 बजे तक 6,11,301 खुराक के साथ इस आयु वर्ग के बच्चों को टीकाकरण की दौड़ में सबसे पहले पायदान पर है. गुजरात के बाद आंध्र प्रदेश है जहां इस आयु वर्ग में 5,80,880 खुराकें दे दी गई हैं. यूं कहें कि गुजरात और आंध्र प्रदेश ऐसे दो राज्यों की श्रेणी में हैं जिन्होंने इस आयु वर्ग के 5 लाख से अधिक बच्चों को टीके की खुराक दे दी है. आंध्र प्रदेश सबसे कम आयु वर्ग के टीकाकरण में देश में दूसरे स्थान पर है, इसके बाद दक्षिणी राज्य तमिलनाडु भी खड़ा है क्योंकि इसने 4,44,635 खुराक दी है. राजस्थान ने इस आयु वर्ग के बच्चों को जहां 3,70,267 खुराक दी है, वहीं तेलंगाना ने 2,41,422 खुराकें दी हैं. तीन राज्य हैं जो इस आयु वर्ग में लगभग 2 लाख (2,00,000) खुराक के आंकड़े के करीब पहुंच रहे हैं. इनमें कर्नाटक (1,84,303), महाराष्ट्र (1,65,995) और ओडिशा (1,48,892) हैं.