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Published : Jun 6, 2021, 8:30 PM IST

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कोविड टीकाकरण : जब तक सभी सुरक्षित नहीं, तब तक कोई सुरक्षित नहीं

दुनिया COVID-19 संकट से तभी उबर सकती है, जब सभी लोगों तक कोरोना टीकों की निष्पक्ष और तेज पहुंच संभव हो.

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हैदराबाद :वैज्ञानिकों ने पहले की भविष्यवाणी की तुलना में बहुत तेजी से सुरक्षित और प्रभावी कोविड-19 टीके विकसित किए हैं. इस आश्चर्यजनक वैज्ञानिक और तार्किक उपलब्धि में अरबों लोगों के जीवन को बदलने और बचाने बदलने की शक्ति है. लेकिन यह प्रगति व्यर्थ होगी यदि हम यह सुनिश्चित नहीं कर सकते कि उन्हें हर जगह जल्दी से उपलब्ध कराया जाए.

यह आसान नहीं है और इसके लिए तात्कालिकता, राजनीतिक इच्छाशक्ति, प्रौद्योगिकी, धन और निर्माण, लॉजिस्टिक और प्रशासनिक क्षमता के एक मजबूत संयोजन की आवश्यकता है. हालांकि यह संभव है लेकिन फिलहाल ऐसा नहीं हो रहा है.

दुनिया के हर देश के 70 प्रतिशत हिस्से को कवर करने के लिए इस साल पर्याप्त कोविड-19 टीकों का उत्पादन किया जाएगा. हालांकि इसमें से अधिकांश आरक्षित है. 83 फीसदी से ज्यादा टीके अमीर देशों में गए हैं. गरीब देशों को सिर्फ 0.2 प्रतिशत ही मिला है. इस गति से कई निम्न और मध्यम आय वाले देशों में 2024-2025 तक व्यापक कवरेज नहीं हो सकेगा.

लैटिन अमेरिका में केवल चिली ही अपनी पूरी आबादी को कवर करने के लिए पर्याप्त खरीद कर पाया है. अमीर देश न केवल टीके ले रहे हैं बल्कि वे उनकी जमाखोरी भी कर रहे हैं. एक ऐसा कदम जिसे विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक टेड्रोस एडनॉम घेब्येयियस ने विनाशकारी नैतिक विफलता कहा है.

हर किसी का टीकाकरण करने में विफलता महामारी को दूर नहीं कर पाएगा. इससे बड़े पैमाने पर सामाजिक, स्वास्थ्य और आर्थिक लागतों के साथ और नए संभावित वैक्सीन-प्रतिरोधी वेरिएंट को पनपने की अनुमति देगा, जिससे सभी को वापस खतरा हो जाएगा. उत्परिवर्तन पहली पीढ़ी के टीकों को एक वर्ष से भी कम समय में अप्रभावी बना सकता है.

COVAX की स्थापना

2020 में WHO, GAVI और UNICEF के नेतृत्व में COVID-19 वैक्सीन ग्लोबल एक्सेस पहल COVAX को यह सुनिश्चित करने के लिए बनाया गया था कि यह गलती दोबारा न हो. यह COVID-19 टूल एक्सेलेरेटर के एक्सेस का हिस्सा है. अप्रैल 2020 में शुरू की गई इसकी एक अंतरराष्ट्रीय पहल में सरकारें, स्वास्थ्य संगठन, व्यवसाय, नागरिक समाज और परोपकारी लोग शामिल हैं जो COVID-19 टीकों की समान पहुंच सुनिश्चित करने के लिए काम कर रहे हैं.

फिर भी COVAX ने 122 देशों में 59 मिलियन से अधिक टीकों का वितरण किया है. अमीर देश जमाखोरी, पुराने कम निवेश, साथ ही आपूर्ति चुनौतियों ने इसे वह सब करने से रोक दिया है जो वह कर सकता था.

वैक्सीन की असमानता रिकवरी को कमजोर कर रही है. यह पहले से ही क्षतिग्रस्त विश्व अर्थव्यवस्था पर प्रति वर्ष 1.2 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर तक खर्च कर सकता है. या सभी को बुनियादी सामाजिक सुरक्षा और स्वास्थ्य देखभाल प्रदान करने के लिए पर्याप्त है. कुल मिलाकर यह अनुमान लगाया गया है कि महामारी की कीमत 9.2 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर हो सकती है.

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टीकाकरण के बारे में भ्रांति

यूएनडीपी यूक्रेन की निवासी प्रतिनिधि डैफिना गेरचेवा ने कहा कि साजिश के सिद्धांत, अफवाहें और दुर्भावनापूर्ण दुष्प्रचार सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो सकते हैं. खासकर जब राज्य संस्थानों में सार्वजनिक विश्वास का निम्न स्तर होता है.

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