नई दिल्ली :विजू विजयन और उनके वर्षीय पिता वी विजयन को उनके ऑक्सीजन संतृप्ति स्तर के गिर जाने के बाद नोएडा के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था. उनके परिवार के सदस्य अस्पताल से उनकी सुरक्षित वापसी का इंतजार कर रहे थे, लेकिन पिता और पुत्र दोनों के लिए यह अंतिम यात्रा थी क्योंकि अस्पताल में कुछ दिन बिताने के बाद उनकी मृत्यु हो गई.
इसी तरह 36 वर्षीय सुशील शर्मा ने नोएडा के एक अस्पताल में जीवन के लिए संघर्ष करने के बाद अपने दो नाबालिग बच्चों और पत्नी को छोड़ गए. ऐसी ही स्थिति उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा में एक आवासीय परिसर निराला एस्टेट में भी देखने को मिली, जहां कई परिवारों ने पिछले कुछ दिनों में 11 से अधिक लोगों की मौत हो गई.
इस तरह की दिल दहला देने वाली कहानियां भारत भर से लगातार सामने आ रही हैं. हालांकि विशेषज्ञों ने कहा है कि अगले 4-6 सप्ताह में कोरोना के मामलों में गिरावट देखने को मिल सकती है.
डेटा बताता है कि कोविड-19 की दूसरी लहर कुछ राज्यों में अधिक संक्रामक और घातक साबित हो रही है. हालांकि वायरस से भारत की मृत्यु दर अभी भी अन्य देशों की तुलना में कम है.
भारत के सर्वोच्च चिकित्सा अनुसंधान संस्थान इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) के वैज्ञानिकों ने ईटीवी भारत को बताया कि वायरस के तेजी से फैलने के कारण बड़ी संख्या में लोग संक्रमित हो रहे हैं.
आईसीएमआर के प्रवक्ता डॉ लोकेश ने कहा कि ऐसा नहीं है कि मौजूदा उछाल और मौतें विदेशी वेरिएंट के कारण हो रही हैं. वर्तमान स्थिति के लिए कई कारण हैं.
वर्तमान स्थिति को लेकर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने गुरुवार को राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से स्थानीय नियंत्रण उपाय करने को कहा है.
गृह मंत्रालय ने राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में सामुदायिक नियंत्रण और बड़े नियंत्रण क्षेत्रों के कार्यान्वयन के लिए भी सुझाव दिया है, जहां पिछले एक सप्ताह में सकारात्मकता दर 10 प्रतिशत से अधिक है और जहां बिस्तर 60 प्रतिशत से अधिक घिरे हुए हैं.
विशेषज्ञों का कहना है कि वर्तमान स्थिति को नियंत्रित करना कठिन है, क्योंकि इससे देश की स्वास्थ्य प्रणाली चरमरा रही है. हालांकि ICMR के प्रवक्ता का मानना है कि कोविड के मामलों में वर्तमान स्पाइक अगले 4-6 सप्ताह में कम हो जाएगा.
डॉ लोकेश ने कहा है कि दूसरी लहर में मामलों की संख्या में तेजी आई है, लेकिन उम्मीद है कि अगले 4-6 सप्ताह के भीतर भारत कोविड19 मामलों की वर्तमान स्पाइक में कमी देखेगा.
पिछले साल 18 जून को भारत ने 11,000 मामले दर्ज किए , जबकि अगले 60 दिनों में इसमें औसतन हर दिन 35,000 नए मामले देखने को मिले.
एसोसिएशन ऑफ हेल्थ केयर प्रोवाइडर्स इंडिया के महानिदेशक डॉ गिरिधर ज्ञानी ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि मौजूदा म्यूटेशन सीधे लोगों की मौत का कारण बन रहा है. विडंबना यह है कि10 दिनों में मामले दैनिक औसत के साथ लगभग 90,000 तक पहुंच गए. वर्तमान लहर अधिक संक्रामक और घातक है.