नई दिल्ली : देश में कोरोना संक्रमण का दौर चल रहा है. इस बीच इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने एक अध्ययन किया है. इसमें उसने पाया है कि हॉस्पिटल इंफेक्शन और सेकेंडरी इंफेक्शन के कारण कोरोना के मरीजों की मौत हो रही है. सेकेंडरी इंफेक्शन वाले 56 फीसद कोविड-19 मरीजों की मौत बैक्टिरीयल इंफेक्शन या फंगल इंफेक्शन के कारण हुई.
आईसीएमआर के अध्ययन में कहा गया कि सेकेंडरी इंफेक्शन होने वाले आधे कोरोना मरीजों की मौत हो गई. ये सभी मरीज आईसीयू में भर्ती थे. अध्ययन में बताया गया है कि कई कोविड मरीजों में इलाज के दौरान या बाद में सेकेंडरी बैक्टिरीयल या फंगल इंफेक्शन हुआ और उनमें से आधे से अधिक मरीजों की मौत हो गई. इसके अलावा कोरोना मरीजों में ब्लैक फंगस और व्हाइट फंगस के कई मामले सामने आए. अध्ययन में अस्पताल से प्राप्त इंफेक्शन और ब्लैक फंगज या म्यूकोरमाइकोसिस के मामले भी दर्ज किए गए.
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आईसीएमआर ने अपने अध्ययन में 17,534 मरीजों को शामिल किया था. इनमें से 3.6 फीसदी मरीजों में सेकेंडरी बैक्टिरीयल या फंगल इंफेक्शन के लक्षण मिले और इन मरीजों में मृत्यु दर 56.7 फीसद था. इसका मतलब है कि सेकेंडरी इंफेक्शन होने वाले कोरोना मरीजों में से आधे से ज्यादा ने दम तोड़ दिया है. वहीं अस्पतालों में भर्ती कुल कोरोना मरीजों की मृत्यु दर के मुकाबले सेकेंडरी इंफेक्शन के मामले में मृत्यु दर कई गुना ज्यादा थी.