नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने कहा है कि कोविड-19 के वैश्विक मामलों में एशिया में ज्यादा मामले पाए गए हैं. नए कोरोना संक्रमण केस की रिपोर्ट में तीव्र वृद्धि हुई है. सरकार ने बताया कि कोरोना संक्रमण की दर चार सप्ताह में 7.9 प्रतिशत से बढ़कर लगभग 18.4 प्रतिशत हो गई है. सरकार ने कहा कि देश के 11 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में कोविड के 50,000 से अधिक उपचाराधीन मरीज हैं; 515 जिलों में साप्ताहिक संक्रमण दर पांच प्रतिशत से अधिक दर्ज की गई.
तीसरी लहर के दौरान प्रमुख आंकड़ों की तुलना
सरकार ने यह भी बताया कि कोविड-19 की तीसरी लहर में दूसरी लहर की तुलना में काफी कम मौतें हुई हैं. केंद्र सरकार ने कहा है कि दिल्ली में कोविड-19 के लगभग 99 प्रतिशत वयस्क मरीजों में बुखार, खांसी, गले में खरास के सामान्य लक्षण हैं. केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने भारत में दूसरी और तीसरी लहर के दौरान प्रमुख आंकड़ों की तुलना पेश करते हुए कहा कि 30 अप्रैल, 2021 को 3,86,452 नए मामले, 3,059 मौतें और 31,70,228 उपचाराधीन मरीज थे और उस समय पूर्ण टीकाकरण वाले लोगों का अनुपात दो प्रतिशत था.
मौत के मामले कोविड-19 महामारी की तीसरी लहर में काफी कम
उन्होंने कहा कि 20 जनवरी, 2022 को 3,17,532 नए मामले, मृतकों की संख्या 380 और 19,24,051 उपचाराधीन मरीज हैं और पूरी तरह से टीकाकरण वाले लोगों का अनुपात 72 प्रतिशत है. उन्होंने कहा, 'यह दर्शाता है कि उपचाराधीन मरीजों की तुलना में मौत के मामले कोविड-19 महामारी की तीसरी लहर में काफी कम रहे है, जबकि टीकाकरण करा चुके लोगों की संख्या दूसरी से तीसरी लहर में काफी बढ़ गई है.'
बीमारी हल्की और मध्यम स्तर पर
भूषण ने कहा, 'इसके द्वारा हम आपको बताना चाहते हैं कि टीकाकरण प्रभावी है. पूर्ण टीकाकरण वाले व्यक्तियों में यह बीमारी हल्की और मध्यम स्तर पर रहती है.' उन्होंने उन लोगों से टीका लगवाने का आग्रह किया जिन्होंने अभी तक अपनी पहली खुराक नहीं ली है. उन्होंने लोगों से पूर्ण टीकाकरण कराने की भी अपील की. उन्होंने कहा, 'हम बच्चों के आंकड़ों को भी ध्यान में रखते हैं, 2020 में कोविड के कुल मामलों में 0-19 आयु वर्ग के लोगों का 10 प्रतिशत और कुल मौतों में 0.96 प्रतिशत का योगदान था. वर्ष 2021 में कोविड के कुल मामलों में 0-19 आयु वर्ग के लोगों का 11 प्रतिशत और कुल मौतों में 0.70 प्रतिशत का योगदान था.'
टीकाकरण से मौत का कम खतरा होता है
भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के महानिदेशक डॉ बलराम भार्गव ने कहा, 'भारत में मामलों में मौजूदा वृद्धि होने के बावजूद उच्च टीकाकरण दर के कारण गंभीर बीमारी, मौत होने के मामलों में वृद्धि देखने को नहीं मिल रही है. हालांकि, हमें एक बात याद रखना होगी कि गंभीर बीमारियों से ग्रस्त लोगों को अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखना चाहिए.' उन्होंने कहा कि टीकाकरण से मौत का कम खतरा होता है इसलिए टीकाकरण जरूरी है.