पुणे: देश और दुनिया में अभी कोरोना के डेल्टा वेरिएंट से खतरा बना हुआ है. इस बीच C.1.2 वेरिएंट की दस्तक से दहशत का माहौल है. हालांकि, भारत में C.1.2 वेरिएंट का फिलहाल कोई केस सामने नहीं आया है. इस मामले पर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष डॉ. अविनाश भोंडावे ने बयान जारी किया है.
डॉ. अविनाश भोंडावे ने कहा कि C.1.2 का एक नया वेरियंट दक्षिण अफ्रीका में आ गया है. उन्होंने कहा कि यह वायरस चीन, न्यूजीलैंड और इंग्लैंड में भी पाया गया है. हालांकि, विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अभी इस वायरस को रुचि का एक प्रकार घोषित किया है. भोंडावे ने कहा कि इस वैरियंट को कैंसर का एक प्रकार घोषित नहीं किया गया है इसलिए यह वायरस व्यापक नहीं है.
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष डॉ. अविनाश भोंडावे ने कहा कि कोरोना के भी कई रूप पाए जाते हैं. हालांकि, यह संस्करण चिंता का कारण नहीं है. जिसकी वैक्सीन आज दुनिया में उपलब्ध है. वे सभी टीके आपको किसी भी प्रकार से 60% सुरक्षा प्रदान करते हैं. भोंडावे ने कहा कि हालांकि, अगर यह पाया जाता है कि आप वायरस से अधिक से अधिक संक्रमित हो रहे हैं, तो शायद अगली पीढ़ी के टीकों की खोज करनी होगी.
C.1.2 वेरिएंट पर डॉ. भोंडावे ने कहा कि कोरोना के दिशा-निर्देशों का पालन करने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि आम आदमी की नजर से चाहे कोई भी म्यूटेंट क्यों न हो, आपको मास्क पहनना होगा. इसके साथ-साथ सोशल डिस्टेंसिंग का भी पालन करना होगा, हाथ धोना होगा और अगर कोई लक्षण दिखे तो उसकी जांच कराएं और तुरंत इलाज शुरू करें. उन्होने कहा कि इसलिए भारतीयों को समय रहते सतर्क हो जाना चाहिए. हम अब कहीं न कहीं कोरोना की दूसरी लहर से उबर रहे हैं. भोंडावे ने कहा कि अगर इस प्रकार के वायरस की तीसरी लहर है और हम सावधान नहीं हैं, तो हमें कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा.