नई दिल्ली : केरल में कोविड19 मामलों (Covid19 cases in Kerala) में भारी वृद्धि को देखते हुए भारत के प्रसिद्ध स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने गुरुवार को ईटीवी भारत को बताया कि इस तरह की वृद्धि तीसरी लहर की शुरुआत हो सकती है.
केरल के साथ, महाराष्ट्र में भी मामलों में काफी वृद्धि देखी जा रही है. विशेषज्ञों को इस बात की चिंता है कि डेल्टा वेरिएंट (Delta variants) के कारण मामले बढ़ रहे हैं, जो संक्रमण को तेजी से फैला सकता है.
मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज (Maulana Azad Medical College ) की प्रसिद्ध स्वास्थ्य विशेषज्ञ (public health expert) और प्रोफेसर डॉ सुनीला गर्ग (Dr Suneela Garg) ने ईटीवी भारत से कहा कि केरल और महाराष्ट्र तीसरी लहर को रोका जा सकता इसके लिए हमें सख्त लॉकडाउन (strict lockdown) के लगाकर ट्रांस्मिशन की चैन (chain of transmission ) को तोड़ना होगा. केरल में वर्तमान में भारत के कुल कोविड मामलों का 50 प्रतिशत हिस्सा है.
रिपोर्ट्स का हवाला देते हुए डॉ गर्ग ने कहा कि केरल में होम आइसोलेशन प्रोटोकॉल (home isolation protocol) का सख्ती से पालन नहीं हो रहा है. इंडियन एसोसिएशन ऑफ प्रिवेंटिव एंड सोशल मेडिसिन (Indian Association of Preventive and Social Medicine ) की अध्यक्ष डॉ गर्ग ने कहा, 'चिंता की बात यह है कि ज्यादातर मामले डेल्टा संस्करण से संबंधित हैं.'
10 मार्च से 10 अगस्त तक केरल में कोविड के मामलों में 233 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. गर्ग ने कहा, 'हमारे पूरे सीरो-सर्वेक्षण (sero-survey) ने अनुमान लगाया कि केरल में 44 प्रतिशत लोग एंटीबॉडी के लिए सकारात्मक पाए गए हैं, जिससे असंक्रमित आबादी का एक बड़ा हिस्सा निकल गया है. उन्होंने राज्य की खराब टीकाकरण दर पर भी चिंता व्यक्त की है.
गर्ग ने कहा कि अगर हम टीकाकरण के नजरिए से देखें तो केरल में कुल 2.24 करोड़ लोगों को टीकाकरण मिला है, जिसमें से केवल 64 लाख लोगों को दूसरी खुराक मिली और 1. 59 करोड़ लोगों को पहली खुराक मिली.
डॉ गर्ग ने कहा कि केरल में लगभग 95 प्रतिशत लोग मूल रूप से हल्के संक्रमण से पीड़ित हैं,जबकि होम आइसोलेशन से समझौता किया गया है. कोविड के खिलाफ उचित व्यवहार से भी समझौता किया गया है … ओणम त्योहार (Onam festival) से पहले कोविड के उचित व्यवहार को बनाए रखने में छूट और ढिलाई बर्ती गई है.