हैदराबाद : देश के कुछ राज्यों में फिर से कोरोना वायरस के मामलों में वृद्धि देखने को मिल रही है. कोरोना की चौथी लहर की आशंका के मद्देनजर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों, केंद्र शासित प्रदेशों के उपराज्यपालों व प्रशासकों के साथ समीक्षा बैठक की. इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने सभी राज्यों से सकर्त रहने और कोविड की निगरानी बढ़ने को कहा. अब कोविड के मामलों में वृद्धि को देखते हुए राज्यों ने फिर से प्रतिबंध लगाने शुरू कर दिए हैं. इसी कड़ी में कर्नाटक सरकार ने सार्वजनिक स्थानों पर मास्क लगाना अनिवार्य कर दिया है. राज्य के लोगों को मास्क न लगाते पकड़े जाने पर 250 रुपये का जुर्माना देना होगा. यह प्रतिबंध दो मई 2022 से पूरे राज्य में लागू होगा.
छत्तीसगढ़ में मास्क अनिवार्य : इससे पहले अन्य राज्यों ने भी सार्वजनिक स्थानों पर मास्क जरूर कर दिया है. बीते दिनों छत्तीसगढ़ में सार्वजनिक स्थलों पर मास्क का उपयोग अनिवार्य कर दिया गया है. राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने कोरोना महामारी के मद्देनजर सार्वजनिक स्थानों, भीड़-भाड़ वाले बाजारों, अस्पतालों, कार्यालयों में मास्क पहनाना एवं कोविड प्रोटोकॉल का पालन करना अनिवार्य कर दिया है. इस संबंध में सभी संभागीय आयुक्तों, जिला कलेक्टरों को आवश्यक कार्रवाई के लिए निर्देश दिए गए हैं.
स्वास्थ्य विभाग द्वारा 26 अप्रैल को जारी निर्देश के अनुसार सार्वजनिक स्थानों, कार्यालयों, अस्पतालों, बाजारों एवं भीड़-भाड़ वाले स्थानों, कार्य स्थलों एंवं फैक्ट्री आदि में कार्य करने वाले प्रत्येक व्यक्ति द्वारा मास्क, फेस कवर करना होगा. इसी प्रकार सार्वजनिक स्थलों पर थूकना प्रतिबंधित किया गया है. होम क्वारंटीन में रहने वाले व्यक्तियों को शासन द्वारा समय-समय पर जारी होम क्वारंटीन संबंधी समस्त दिशा-निर्देशों का पालन किया जाना होगा. स्वास्थ्य विभाग के निर्देश में कहा गया है कि दुकानों, व्यावसायिक संस्थानों द्वारा सोशल डिस्टेंसिंग, फिजिकल डिस्टेंसिंग संबंधी दिशा-निर्देशों का पालन कराना होगा.
दिल्ली में मास्क न लगाने पर 500 रुपये जुर्माना :दिल्ली में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों को देखते हुए दिल्ली सरकार ने पिछले हफ्ते सार्वजनिक स्थानों पर मास्क पहनना अनिवार्य कर दिया है. इसके उल्लंघन करने वालों पर 500 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा. अधिकारियों ने कहा कि दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने अपनी बैठक में स्कूलों को बंद नहीं करने का भी फैसला किया है. लेकिन विशेषज्ञों के परामर्श से एक अलग मानक संचालन प्रक्रिया के साथ आने का फैसला किया.