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सुप्रीम कोर्ट में प्रवेश से पहले कोरोना जांच अनिवार्य, जानिए नई गाइडलाइन - कोरोना के लिए दिशानिर्देश जारी

सुप्रीम कोर्ट परिसर में दर्जनों कोरोना संक्रमण के मामले सामने आए हैं. इसके बाद परिसर में प्रवेश से पहले आरटी-पीसीआर टेस्ट करवाना अनिवार्य हो गया है. इसके अलावा कई और भी अहम दिशानिर्देश जारी किए गए हैं.

सुप्रीम कोर्ट में दिशानिर्देश जारी
सुप्रीम कोर्ट में दिशानिर्देश जारी

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Published : Apr 14, 2021, 7:06 PM IST

Updated : Apr 14, 2021, 11:58 PM IST

नई दिल्ली :भारत में कोरोना संक्रमण के मामलों में हो रही रिकॉर्ड बढ़ोतरी के बीच सुप्रीम कोर्ट में भी कई अहम दिशानिर्देश जारी किए हैं. सुप्रीम कोर्ट परिसर में प्रवेश से पहले कोरोना जांच (आरटी-पीसीआर) टेस्ट कराना अनिवार्य कर दिया गया है. शीर्ष अदालत के परिसर में प्रवेश के पहले आरटी-पीसीआर जांच में रिपोर्ट निगेटिव होना अनिवार्य है. इसके अलावा संक्रमण के लक्षण दिखने पर आइसोलेट होने को कहा गया है.

गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट परिसर से जुड़े कई अधिकारी-कर्मचारी कोरोना संक्रमित पाए गए हैं. इनमें जस्टिस सूर्यकांत के 45 प्रतिशत अधिकारी व अन्य कुछ कर्मचारी भी शामिल हैं. गहराते संकट के मद्देनजर सुप्रीम कोर्ट ने कई अहम निर्देश दिए हैं.

ऐसे होगा लिफ्ट का प्रयोग
सुप्रीम कोर्ट परिसर में प्रवेश के लिए अनिवार्य आरटी-पीसीआर जांच के अलावा कोर्ट परिसर में चहल-पहल को लेकर भी दिशानिर्देश जारी किए गए हैं. इसके मुताबिक कोर्ट परिसर में लगी लिफ्ट में अधिकतम तीन लोग ही प्रवेश कर सकेंगे. लिफ्ट का प्रयोग सिर्फ ऊपरी तलों पर जाने के लिए किया जा सकेगा. नीचे आने के लिए लिफ्ट के प्रयोग की मनाही है.

सोशल डिस्टेंसिंग का पालन
इसके अलावा कोरोना से बचाव के लिए सुप्रीम कोर्ट परिसर में उचित शारीरिक दूरी (सोशल डिस्टेंसिंग) और नियमित अंतराल पर सेनिटाइजर के उपयोग की सलाह भी दी गई है.

घरों से सुनवाई कर रहे न्यायाधीश
गौरतलब है कि पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट में कई अधिकारी-कर्मचारी कोरोना संक्रमित पाए गए थे. संक्रमित मामले सामने आने के बाद शीर्ष अदालत के न्यायाधीश अपने आवास से ही मुकदमों की सुनवाई कर रहे हैं. इसके साथ ही अदालत परिसर को भी सेनिटाइज कराया गया है.

हाईब्रिड सुनवाई पर सहमति
बता दें कि कोरोना संक्रमण के बीच भी शीर्ष अदालत में सशरीर सुनवाई (physical hearing) शुरू करने की अपील की गई है. इस पर विचार के बाद सुप्रीम कोर्ट ने हाईब्रिड सुनवाई पर सहमति व्यक्त की थी.

पढ़ेंःसुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल, 45 से कम उम्र वालों को भी लगे वैक्सीन

फिजिकल हियरिंग की व्यवस्था पर आशंका के बादल
हाईब्रिड सुनवाई में वकीलों को दलीलें पेश करने में आसानी होती है. इस प्रक्रिया में वकीलों को सशरीर कोर्ट में मौजूद होने की अनुमति दी जाती है. इसके अलावा वकीलों के पास वर्चुअल सुनवाई में शामिल होने का विकल्प भी होता है. हालांकि, कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर की गंभीरता देखते हुए आशंका जताई जा रही है कि शीर्ष अदालत समेत देशभर की अन्य अदालतों में भी पहले की भांति फिजिकल हियरिंग की व्यवस्था बहाल होने में काफी समय लग सकता है.

Last Updated : Apr 14, 2021, 11:58 PM IST

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