नई दिल्ली : भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) द्वारा गुरुवार को किए गए एक अध्ययन में कोविड-19 संक्रमण वाली महिलाओं में गंभीर कोविड-19 रोग, गर्भावस्था की हानि और मातृ मृत्यु सहित कई प्रतिकूल परिणाम सामने आए हैं. हालांकि यह अध्ययन सिर्फ महाराष्ट्र में ही किया गया था. अध्ययन में महिलाओं में इस तरह के संक्रमण और उसके बाद के हालात चिंता का विषय हैं. इस अध्ययन में महाराष्ट्र के 19 मेडिकल कॉलेज ने भाग लिया था. इस दौरान महाराष्ट्र में कोविड 19 महामारी की पहली लहर के दौरान महिलाओं की गर्भावस्था के परिणामों का अध्ययन किया गया.
अध्ययन में 1 मार्च, 2020 से 31 जनवरी, 2021 के बीच कोविड-19 से पीड़ित 4203 महिलाओं के डेटा का विश्लेषण किया गया. इसमें यह बात सामने आई कि कोविड 19 के साथ गर्भवती और प्रसवोत्तर महिलाओं में से अधिकांश को मुंबई महानगरीय क्षेत्र से भर्ती किया गया था.
इन 4203 महिलाओं में से 3865 महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान और 338 को प्रसवोत्तर अवधि के दौरान होने वाली परेशानियों का अध्ययन किया गया. इनमें जहां 4108 महिलाओं ने स्वाभाविक रूप से गर्भ धारण किया वहीं 95 को सहायक प्रजनन तकनीकों की जरूरत पड़ी. इसके अलावा इस दौरान कोरोना की वजह से 3250 महिलाओं का प्रसव हुआ, 77 महिलाओं का गर्भपात हुआ, 15 महिलाओं का अस्थानिक गर्भधारण (एक्टोपिक प्रेग्नेंसी) व 27 का चिकित्सा समाप्ति गर्भावस्था (MTP) हुआ.