नई दिल्ली:आईआईटी-कानपुर के एक अध्ययन में (In A Study Of IIT Kanpur) इस साल जुलाई में कोविड-19 की चौथी लहर (4th Wave Of Covid19) आने का पूर्वानुमान व्यक्त किए जाने के बीच सरकार ने कहा कि वह इस तरह के अध्ययनों को उचित सम्मान के साथ देखती है. हालांकि अभी यह परखना जाना बाकी है कि इस विशेष रिपोर्ट का कोई वैज्ञानिक मूल्य (Sciencetific Value) है या नहीं. नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) वी के पॉल ने कहा कि आईआईटी कानपुर का अध्ययन प्रतिष्ठित लोगों द्वारा तैयार किया गया एक 'मूल्यवान इनपुट' है. पॉल ने कहा कि महामारी विज्ञान...विषाणु विज्ञान को देखने का हमारा प्रयास रहा है.
कोविड-19 की चौथी लहर पर आईआईटी कानपुर के अध्ययन की पड़ताल की जरूरत: सरकार
भारत में कोरोना वायरस संक्रमण की चौथी लहर (4th wave of corona virus in India) 22 जून के आसपास आ सकती है और अगस्त के मध्य से अंत तक, यह चरम पर पहुंच सकती है. भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) कानपुर के शोधकर्ताओं ने एक अध्ययन में (IIT Kanpur study on 4th wave of corona) यह बात कही है. इसपर नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) वी के पॉल ने कहा कि आईआईटी कानपुर का अध्ययन प्रतिष्ठित लोगों द्वारा तैयार किया गया एक 'मूल्यवान इनपुट' है. हालांकि, अभी यह परखना जाना बाकी है.
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सभी अनुमान डेटा और मान्यताओं पर आधारित हैं तथा हमने समय-समय पर अलग-अलग अनुमान देखे हैं. वे कभी-कभी इतने भिन्न होते हैं कि निर्णय केवल अनुमानों की एक कड़ी पर आधारित होना समाज के लिए बहुत असुरक्षित होगा. उन्होंने कहा कि सरकार का दृष्टिकोण अप्रत्याशित वायरस से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार रहना है. आईआईटी-कानपुर के अनुसंधानकर्ताओं द्वारा किए गए एक मॉडलिंग अध्ययन में कहा गया है कि भारत में कोविड-19 महामारी की चौथी लहर 22 जून के आसपास शुरू हो सकती है और यह अगस्त के मध्य से अंत तक चरम पर हो सकती है.