कोविड-19 की वैक्सीन तैयार करने में जुटी हैं ये भारतीय दवा कंपनियां - कोरोना की तीसरी लहर
कोरोना की तीसरी लहर काफी खतरनारक साबित हो रही है. इसमें मौत का आकड़ा लगातार आसमान छू रहा है. सभी लोग जानना चाहते हैं कि कोविड 19 की वैक्सीन और दवा आमलोगों के लिए कब तक उपलब्ध होगी. भारत में कोविड-19 दवा बनाने वाली कंपनियों पर एक डालते हैं एक नजर..
जल्द से जल्द दवा बनाने में जुटी कंपनियां
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Published : Nov 30, 2020, 9:42 AM IST
हैदराबाद:कोरोना महामारी से पूरी दुनिया ग्रस्त है. इस समय कोरोना की तीसरी लहर जारी है, जो काफी खतरनाक साबित हो रही है. बात अगर देश की करें तो इस समय जान के लाले पड़ रहे हैं. मौत का आकड़ा भी लगातार आसमान छू रहा है. हर कोई यही जानना चाहता है कि कोविड-19 की वैक्सीन कब तक उपलब्ध होगी. बता दें, दुनिया के कई देश इसकी वैक्सीन बनाने में जुटे हैं. ऐसी खबरे मिली हैं अगले साल तक कोविड-19 की वैक्सीन बाजार में उपलब्ध हो जाएगी. वहीं, पीएम मोदी भी शनिवार को अहमदाबाद, हैदराबाद और पुणे के दौरे पर हैं. जो दवाई बनाने की तैयारियों का जायजा लने गए थे.
भारत में कोविड-19 वैक्सीन के निर्माता
रेमडेसिवीर(Remdesvir)
फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (FDA) ने SARS-CoV-2 वायरस के इलाज के लिए रेमेडेसिवीर (वेक्लेरी) को सबसे पहले अनुमोदित किया था. इस दवा को 12 साल और कम से कम 40 किग्रा तक के बच्चों के लिए बनाई गई थी. अमेरिकी फार्मास्युटिकल गिलियड साइंसेज ने रेमेडेसिवीर को बनाया था. जो एक प्रायोगिक, व्यापक स्पेक्ट्रम एंटीवायरल है. जिसे पहली बार वायरल रक्तस्रावी बुखार इबोला के इलाज के लिए विकसित किया गया था.
अलग-अलग कंपनियों ने अलग-अलग नाम से किया लॉन्च
1. भारत की कई भारतीय दवा कंपनियों Zydus Cadila, Dr Reddy's, Cipla, Hetero Healthcare और Jubilant ने देश में दवा निर्माण और बेचने के लिए गिलियड के साथ समझौते किए.
2. हैदराबाद का हेटेरो हेल्थकेयर बाजार में कोविफोर नाम से रेमेडेसिवीर लॉन्च करने वाला पहला शहर बना.
3. मुंबई के सिप्ला ब्रांड ने सिप्रेम नाम से रेमेडेसिवीर दवा लॉन्च करने की घोषणा की थी.
4. नोएडा के जुबिलेंट लाइफ सांइसेज मुख्यालय ने देश में प्रतिबंधित आपातकालीन उपयोग के लिए लियोफिलेटेड इंजेक्शन के रूप में जांच-प्रतिपक्षीय दवा रिमेडिसविर भी लॉन्च किया.
5. नीदरलैंड की फ़ार्मास्यूटिकल कंपनी Mylan ने अपने ब्रांड नेम Desrem के तहत रेमेडेसिवीर दवा के लॉन्च की घोषणा की.
6.अहमदाबाद स्थित Zydus Cadila ने ब्रांड नाम Remdac के तहत रेमेडेसिवीर दवा को लॉन्च किया है, जिसकी 100 मिलीग्राम इंजेक्शन की कीमत 2800 रुपये रखी गई है.
Favipiravir
1. Favipiravir एक ऐसी दवा है जिसको CDSCO ने 19 जून को इसे कोविड-19 के लिए मान्यता प्रदान की है. बता दें, यह Avigan का समान्य संस्करण है. जिसे Fujifilm की सहायक कंपनी टोयामा केमिकल कंपनी ने 2014 में विकसित किया था. मुंबई स्थित ग्लेनमार्क फ़ार्मास्युटिकल्स ने देश में कोविड-19 संक्रमितों पर favipiravir antiviral tablets पर तीसरे चरण के क्लिनिकल परीक्षण करने के लिए डीसीजीआई(DCGI) से अनुमोदन प्राप्त किया. इस कंपनी के परीक्षण ने हल्के से मध्यम कोविड-19 के रोगियों में ऐसे परिणाम दिखाए जो काफी उत्साहजनक थे. इसके बाद ही ब्रांड नाम फैबीफ्लू के तहत इस एंटीवायरल दवा को लॉन्च किया गया.
अलग-अलग नामों से की गई लॉन्च
1. इसके अलावा पुणे की Brinton Pharmaceuticals और हैदराबाद स्थित Hetero Healthcare ने Faviton और Favivir नाम की दवा को लॉन्च किया. जिसकी एक टेबलेट की कीमत 59 रुपये रखी गई. जबकि, मुंबई की Jenburkt Pharmaceuticals कंपनी ने Favivent नाम से दवा लॉन्च की. जिसकी कीमत 39 रुपये प्रति टेबलेट रखी. वहीं, मुंबई की ही फार्मा कंपनी ल्यूपिन ने कोविलाट नाम से एक दवा लॉन्च की. जिसका दाम 42 रुपये प्रति टैबलेट रखा.
2. हैदराबाद की Converge Biotech ने हाल ही में जेनेरिक favipiravir टेबलेट को लॉन्च किया है. जिसकी एक टेबलेट का दाम 72 रुपये रखा गया है.
3. वहीं, मुंबई की सन फार्मास्युटिकल्स ने FluGuard नाम से एक दवा बाजार में उतारी है. जिसकी एक टेबलेट की कीमत 35 रुपये निर्धारित की गई है.
4. हैदराबाद के इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ केमिकल टेक्नोलॉजी (IICT) के सहयोग से सिप्ला ने favipiravir दवा को Ciplenza के ब्रांड नाम से डेवलेप किया है. जिसकी कीमत 68 रुपये रखी गई है.
Itolizumab
1. Itolizumab दवा का उपयोग केवल मध्यम से गंभीर कोविड-19 लक्षणों वाले रोगियों के उपचार के लिए किया जाएगा.
2. Itolizumab दवा का परीक्षण कथित तौर पर दिल्ली और मुंबई के 4 सेंटरों पर किया गया था. वहीं, इस दवा का रिसर्च कोविड -19 के गंभीर रोगियों में सीआरएस को रोकने और उसके प्रभावकारिता पर केंद्रित था. बता दें, बायोकॉन ने Itolizumab को 2013 में भारत में विकसित किया, जो कि एंटी-सीडी 6 आईजीजी 1 मोनोक्लोनल एंटीबॉडी है.
Actemra
Tocilizumab को पारंपरिक एक्टेम्रा और एटलिज़ुमाब के रूप में जाना जाता है. यह एक प्रतिरक्षाविज्ञानी मानवकृत मोनोक्लोनल एंटीबॉडी दवा है. इस दवा का उपयोग मुख्य रूप से गठिया के उपचार के लिए किया जाता है. यूएसएफडीए ने ड्रग को बड़े चरण -3 परीक्षण में यादृच्छिक रूप से परीक्षण करने के लिए अनुमोदित किया गया था. वहीं, COVID-19 उपचार के लिए मार्च 2020 में COVACTA नामक डबल-ब्लाइंड नियंत्रण परीक्षण भी किया गया था.
Hydroxychloroquine (HCQ)
Hydroxychloroquine chloroquine के समान है, जो सबसे पुरानी और सबसे प्रसिद्ध मलेरिया-रोधी दवाओं में से एक है, लेकिन इसके दुष्प्रभाव कम हैं.
अमेरिका जैसे विकसित देशों में इस दवा का निर्माण नहीं किया जाता है.
Ipca प्रयोगशालाओं, Zydus Cadila और वालेस फार्मास्यूटिकल्स भारत में HCQ निर्माण करने वाली शीर्ष फार्मा कंपनियां हैं.
भारत ने अप्रैल-जनवरी 2019-20 में हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन एपीआई का निर्यात 1.22 बिलियन अमरीकी डालर के बराबर किया. इसी अवधि के दौरान हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन से बने योगों का निर्यात 5.50 बिलियन अमरीकी डॉलर था.
इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने सिफारिश की है कि HCQ को COVID-19 उच्च जोखिम वाले समूह के लिए एक निवारक दवा के रूप में इस्तेमाल किया जाना चाहिए.
Dexamethasone
Dexamethasone ब्रिटेन के एक नैदानिक परीक्षण 'RECOVERY' ने संक्रमण के सबसे गंभीर मामलों वाले लोगों में मृत्यु दर को लगभग एक तिहाई तक कम किया है. उसके बाद भारत (और दुनिया) में एक प्रमुख काम कर रहा है.
अध्ययनों में पाया गया कि गंभीर COVID-19 वाले रोगियों में रक्त में टी-लिम्फोसाइट्स नामक कोशिकाओं की संख्या कम होती है. Dexamethasone का उपयोग टी-लिम्फोसाइट आबादी को और अधिक खराब कर सकता है और इम्यूनोसप्रेशन को खराब कर सकता है.
Dexamethasone की उच्च खुराक से चक्कर आना, अनियमित दिल की धड़कन और रक्त शर्करा के स्तर में वृद्धि जैसे दुष्प्रभाव हो सकते हैं.
Dexamethasone एक स्टेरॉयड है. जिसका उपयोग 1960 के दशक से कई स्थितियों में सूजन को कम करने के लिए किया जाता है. जिसमें सूजन संबंधी विकार और कुछ कैंसर भी शामिल हैं.
Zydus Cadila, Wockhardt, Cadila Pharmaceuticals, GLS Pharma और Wyeth Ltd जैसी भारतीय दवा निर्माता शीर्ष फार्मा कंपनियां हैं जो भारत में Dexamethasone का निर्माण कर रही हैं.
भारतीय 107 से अधिक देशों में इस दवा का निर्यात करता है. FY20 में भारत ने Dexamethasone का निर्यात $15.34 मिलियन किया.
दवा सस्ती है और 10 टेबल की एक पट्टी के लिए 3 रुपये से कम खर्च होता है.
Methylprednisolone & Enoxaparin
Dexamethasone और methylprednisolone कॉर्टिकोस्टेरॉइड हैं, जो कोविड-19 उपचार में एंटी-इंफ्लेमेटरी और इम्यूनोसप्रेसिव प्रभाव के लिए उपयोग किया जाता है. एनोक्सापैरिन या हेपरिन एक एंटीकायगुलेंट है जो वायरस द्वारा प्रेरित रक्त के थक्कों के निर्माण को रोकने में मदद करता है.
List of Covid-19 Drugs available in the Indian Market