नई दिल्ली :भारत बायोटेक का 'कोवैक्सीन' टीका कोरोना वायरस के बीटा और डेल्टा दोनों वेरिएंट के खिलाफ महत्वपूर्ण सुरक्षा प्रदान करता है. यह बात भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) के नए अध्ययन में सामने आई है.
सार्स-सीओवी -2 के डेल्टा B.1.617.2 और बीटा B.1.351 वेरिएंट मौजूदा टीकों पर उनके प्रभाव के कारण वैश्विक स्वास्थ्य चिंता का विषय रहे हैं. हालांकि कई वैज्ञानिकों ने बताया है कि दोनों प्रकार उच्च संप्रेषणीयता और संभावित प्रतिरक्षा से बचने के गुणों से जुड़े हैं.
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अध्ययन में कहा गया है कि उन लोगों के रक्त के नमूनों का आकलन किया, जो कोविड -19 से ठीक हो गए थे और साथ ही जिन्हें कोवैक्सीन लगा था. इसमें टीम ने बीटा और डेल्टा वेरिएंट को बेअसर करने के लिए इन रक्त नमूनों की क्षमता को देखा. अध्ययन में पाया गया कि टीके ने दोनों वेरियंट के खिलाफ महत्वपूर्ण सुरक्षा प्रदान की.
आईसीएमआर के अध्ययन के मुताबिक, बीटा और डेल्टा वेरिएंट का प्रतिरक्षा बचना कोविड -19 टीकाकरण कार्यक्रम के लिए एक गंभीर चिंता का विषय रहा है, क्योंकि इसने मॉडर्ना के mRNA1273, फाइजर के (BNT162b2) और कोविशील्ड (ChAdOx1) जैसे कई स्वीकृत टीकों को बेअसर दिखाया है.
अल्फा (B.1.1.7), जेटा (B.1.1.28 या P.2), और कप्पा (B.1.617.1) वेरिएंट के साथ टीम द्वारा कोवैक्सीन की न्यूट्रलाइजेशन क्षमता का पहले ही अध्ययन किया जा चुका है. वैक्सीन को इन प्रकारों के खिलाफ प्रभावी पाया गया.