नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को कहा कि अदालतें यह मानकर नहीं चल सकतीं कि वैश्विक महामारी की दूसरी लहर के दौरान कोविड-19 से हुई सभी मौतें लापरवाही के कारण हुई. न्यायालय ने मृतकों के परिजन को चिकित्सकीय लापरवाही मानकर मुआवजे का अनुरोध करने वाली याचिका पर विचार करने से इनकार करते हुए यह टिप्पणी की.
न्यायमूर्ति धनन्जय वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ ने याचिकाकर्ता दीपक राज सिंह से कहा कि वह अपने सुझावों के साथ सक्षम प्राधिकारियों के पास जाएं.
पीठ ने कहा, 'यह मानना कि कोविड-19 से हर मौत लापरवाही के कारण हुई, बहुत ज्यादा है. दूसरी लहर का पूरे देश में ऐसा प्रभाव पड़ा कि यह नहीं माना जा सकता कि सभी मौतें लापरवाही के कारण हुईं. अदालतें यह मानकर नहीं चल सकतीं कि कोविड से हुई सभी मौतें चिकित्सकीय लापरवाही के कारण हुईं, जैसा आपकी याचिका मानती है.'
शीर्ष अदालत ने 30 जून के एक हालिया फैसले का हवाला दिया, जिसमें उसने राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण को कोविड-19 के कारण मरने वाले लोगों के परिवार के सदस्यों को अनुग्रह सहायता राशि के लिए छह सप्ताह के भीतर उचित दिशा-निर्देशों की अनुशंसा का निर्देश दिया था.