नई दिल्ली : मुख्य न्यायाधीश डीएन पटेल और न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की पीठ ने एकल न्यायाधीश वाली पीठ के आदेश के खिलाफ ट्राई की याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि प्रथम दृष्टया आदेश पर रोक का मामला बनाया गया है.
अदालत ने कहा कि सुविधा का संतुलन अपीलकर्ता (ट्राई) के पक्ष में है. अपूरणीय क्षति होगी (यदि एकल न्यायाधीश के आदेश पर रोक नहीं लगाई गई). अदालत ने निर्देश दिया कि मामले को 13 दिसंबर को अंतिम सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया जाए.
भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (ट्राई) की ओर से पेश अधिवक्ता मनीषा धीर ने तर्क दिया कि उनके पास फोन टैपिंग और निगरानी से संबंधित कोई जानकारी नहीं है. यह भारतीय टेलीग्राफ अधिनियम के तहत केंद्रीय गृह मंत्रालय की मंजूरी से की जाती है.
उन्होंने कहा कि ऐसी कोई भी जानकारी संबंधित सेवा प्रदाता को देनी होगी. मोबाइल फोन उपयोगकर्ता वकील कबीर शंकर बोस ने एक आरटीआई दायर कर यह जानकारी मांगी थी कि क्या उनका फोन टैप किया जा रहा है.
जिनके ओर से पेश वकील कनिका सिंघल ने कहा कि यह मुद्दा निजता के अधिकार से संबंधित है और सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत एक सार्वजनिक प्राधिकरण होने के नाते ट्राई के पास सेवा प्रदाता को मांगी गई जानकारी प्रस्तुत करने के लिए कहने का अधिकार है.