भीलवाड़ा.जिले की महिला उत्पीड़न कोर्ट ने शनिवार को 7 साल पूर्व दंपती सहित चार मासूमों की निर्मम हत्या करने के मामले में दोषियों को फांसी की सजा सुनाई (death sentence to convicts of killing 6) है. इसके साथ ही कोर्ट ने इन पर 15-15 हजार रुपए का अर्थदंड लगाया है. वहीं कोर्ट ने आदेश में विशेष टिप्पणी करते हुए कहा कि दोषियों की गर्दन में फांसी लगाकर तब तक लटकाया जाए, जब तक उनकी मृत्यु ना हो जाए.
विशिष्ट लोक अभियोजक संजू बाफना ने बताया कि 28 जुलाई, 2015 की सुबह मांडल पुलिस को हीराजी का खेड़ा जाने वाले रास्ते पर एक महिला व पुरुष की लाश पड़ी होने की सूचना मिली. मौके पर पहुंची पुलिस ने एफएसएल टीम को बुलाया और जांच पड़ताल की. इस मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया गया. मामले में कोर्ट में चालान पेश किया गया. इस पर दोनों कातिलों पर लगे आरोप सिद्ध करने के लिए न्यायालय में 41 गवाहों के बयान हुए और 153 दस्तावेज पेश किए गए. इस पर कोर्ट ने शनिवार को अपना फैसला सुनाते हुए दोनों आरोपियों को फांसी की सजा सुनाई है.
पढ़ें:मां के हत्यारे को मिला मृत्युदंड, जानिए क्या है पूरा मामला
जियारत के बहाने आरोपी परिवार ले गया था अपने साथ:आरोपी 27 जुलाई की रात निम्बाहेड़ा के 38 वर्षीय युनूस उर्फ सोनू, इसकी पत्नी चांदतारा उर्फ सोनिया, 10 साल के पुत्र अशरफ, 7 साल की बेटी गुडिया, 4 साल की साजिया उर्फ आशिदा व 2 साल की शकीना को षड्यंत्र के तहत उदयपुर में पंजीकृत टवेरा वाहन में बैठाकर निम्बाहेड़ा से रवाना हुआ. उसके साथ राखीबंद भाई राजेश खटीक भी था. आधी रात को भीलवाड़ा के धूलखेड़ा के पास गाड़ी को सड़क से नीचे उतारा. टवेरा में पहले से तलवार रखी थी. आरोपियों ने इन लोगों की यहां हत्या कर दी (6 Family members killed) थी. पुलिस ने शराफत व राजेश से अलग-अलग पूछताछ की थी. दोनों पहले पुलिस को गुमराह करते रहे, लेकिन कड़ाई से पूछताछ में दोनों टूट गए और 6 कत्ल करना कबूल कर लिया.