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वीवीआईपी हेलिकॉप्टर मामला : दिल्ली हाई कोर्ट ने मिशेल को जमानत देने से किया इनकार - दिल्ली हाईकोर्ट वीवीआई हेलिकॉप्टर मामले की सुनवाई

अगस्ता वेस्टलैंड घोटाला मामले में शुक्रवार को दिल्ली हाईकोर्ट ने आरोपी क्रिश्चियन मिशेल की जमानत याचिका खारिज कर दी है. 18 फरवरी को कोर्ट ने ईडी के मामले में फैसला सुरक्षित रखा था.

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Published : Mar 11, 2022, 5:20 PM IST

नई दिल्ली :दिल्ली हाईकोर्ट ने अगस्ता वेस्टलैंड घोटाला मामले में ईडी और सीबीआई की ओर से दर्ज मामले में आरोपी क्रिश्चियन मिशेल की जमानत याचिका खारिज कर दी है. जस्टिस मनोज कुमार ओहरी ने जमानत याचिका खारिज करने का आदेश दिया. 18 फरवरी को कोर्ट ने ईडी के मामले में फैसला सुरक्षित रखा था. 20 जनवरी को सीबीआई की ओर से दर्ज मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया था.

8 फरवरी को मिशेल की जमानत याचिका का विरोध करते हुए ईडी ने कहा था कि आरोपी के खिलाफ जिन आरोपों का ट्रायल चलाने के लिए प्रत्यर्पित कर लाया गया है, उन आरोपों का ट्रायल किया जा सकता है. ईडी की ओर से पेश एएसजी एसवी राजू ने मिशेल के वकील की इस दलील का विरोध किया था कि इटली की कोर्ट ने मिशेल को सभी आरोपों से बरी कर दिया था. उन्होंने कहा था कि इटली की कोर्ट में ईडी पक्षकार नहीं थी. उन्होंने मिशेल की ओर से पेश की गई इस दलील का भी विरोध किया जिसमें कहा गया था कि मिशेल को संयुक्त अरब अमीरात से रिश्वतखोरी के मामलों की जांच के लिए प्रत्यर्पित कर लाया गया था. इसके लिए राजू ने प्रत्यर्पण संधि की धारा 17 का हवाला दिया.

4 फरवरी को ईडी ने कहा था कि अगस्ता वेस्टलैंड घोटाला मामले में भारतीय वायु सेना के कई वरिष्ठ अधिकारी लिप्त थे. ईडी ने कहा था कि ब्रिटिश कंपनी अगस्ता वेस्टलैंड से खरीदे गए कई हेलिकॉप्टर बेकार पड़े हुए थे. क्योंकि वे लद्दाख जैसी ऊंचाई में नहीं उड़ सकते थे. ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि अगस्ता वेस्टलैंड कंपनी से खरीददारी करने के लिए हेलिकॉप्टर की विशेषज्ञता की शर्तों में बदलाव किया गया. ऐसा कर देश की सुरक्षा के साथ समझौता किया गया. ईडी ने कहा था कि मिशेल के जरिये अगस्ता वेस्टलैंड कंपनी की ओर से रिश्वत कई प्रभावशाली व्यक्तियों को दिए गए ताकि हेलिकॉप्टर की डील हो सके.

मिशेल ने ईडी और सीबीआई दोनों की ओर से दर्ज मामलों में हाईकोर्ट में जमानत याचिका दायर की थी. 12 जनवरी को सीबीआई ने मिशेल की जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा था कि वो जांच में सहयोग नहीं कर रहा है. सुनवाई के दौरान डीपी सिंह ने कहा था कि मिशेल ने एक बिचौलिये का काम किया. उसने इस घोटाले में कुछ करारों के लिए पैसे लिए. वो जांच में सहयोग नहीं कर रहा है. उन्होंने इटली की एक कोर्ट में मिशेल के बयान का जिक्र किया था, जिसमें मिशेल ने कहा था कि उसने झूठे करारों पर अगस्ता वेस्टलैंड के आधिकारिक प्रतिनिधि के तौर पर हस्ताक्षर किए थे. उन्होंने कहा था कि मिशेल ने इस घोटाले की कुछ रकम 2010 के बाद हासिल किया.

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18 जून 2021 को राऊज एवेन्यू कोर्ट ने मिशेल की जमानत याचिका खारिज कर दी थी. 3600 करोड़ रुपये के इस घोटाले में ईडी ने मिशेल को जनवरी 2019 में गिरफ्तार किया था. मिशेल को दुबई से प्रत्यर्पित कर दिसंबर 2018 में भारत लाया गया था. 23 अक्टूबर 2020 को कोर्ट ने सीबीआई की ओर से दायर पूरक चार्जशीट पर संज्ञान लिया था. चार्जशीट में 13 को आरोपी बनाया गया है. 19 सितंबर 2020 को सीबीआई ने पूरक चार्जशीट दाखिल किया था.

चार्जशीट में क्रिश्चियन मिशेल, राजीव सक्सेना, अगस्ता वेस्टलैंट इंटरनेशनल के डायरेक्टर जी सापोनारो और वायुसेना के पूर्व प्रमुख एसपी त्यागी के रिश्तेदार संदीप त्यागी समेत 13 को आरोपी बनाया गया है. इस चार्जशीट में पूर्व सीएजी और पूर्व रक्षा सचिव शशिकांत शर्मा को आरोपी नहीं बनाया गया है, क्योंकि उनके खिलाफ अभियोजन चलाने के लिए अभी सीबीआई को कोई स्वीकृति नहीं मिली है.

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