नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय धनशोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत प्रवर्तन निदेशालय (ED) को गिरफ्तारी, धनशोधन के मामलों से जुड़ी संपत्ति को कुर्क करने, तलाशी और जब्ती के अधिकार के पक्ष में दिए गए फैसले की समीक्षा करने के लिए दायर अर्जी को सूचीबद्ध करने के लिए सोमवार को सहमत हो गया. प्रधान न्यायाधीश जस्टिस एन. वी. रमना की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष जब इस मामले का उल्लेख किया गया तो पीठ ने कहा, "ठीक है, हम सूचीबद्ध करेंगे."
उल्लेखनीय है कि उच्चतम न्यायालय ने 27 जुलाई को दिए फैसले में पीएमएलए के प्रावधानों की वैधानिकता को बरकरार रखते हुए टिप्पणी की थी कि दुनिया में यह आम अनुभव है कि धनशोधन वित्तीय प्रणाली के ठीक से काम करने के रास्ते में खतरा हो सकता है. शीर्ष अदालत ने रेखांकित किया कि यह साधारण अपराध नहीं है. केंद्र जोर दे रहा है कि धनशोधन का अपराध न केवल अनैतिक कारोबारियों द्वारा किया जाता है, बल्कि आतंकवादी संगठन भी इसे अंजाम देते हैं, जो राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा पैदा करता है.