नई दिल्ली : दिल्ली उच्च न्यायालय ने एक डेयरी कंपनी द्वारा गत्ते के डिब्बे में बेचे जाने वाली लस्सी में मरा हुआ चूहा या चिकन का टुकड़ा पाए जाने का आरोप लगाने वाली याचिका पर सुनवाई से बृहस्पतिवार को इनकार कर दिया और कहा कि इस शिकायत को उपभोक्ता अदालत में उठाया जाना चाहिए.
न्यायमूर्ति रेखा पल्ली ने हालांकि खाद्य सुरक्षा विभाग को याचिकाकर्ता-उपभोक्ता द्वारा की गई शिकायत पर समयबद्ध तरीके से जवाब देने का निर्देश दिया. न्यायमूर्ति पल्ली ने कहा कि सेवाओं में कमी दिखाने के लिए प्रथम दृष्टया कोई भी सबूत नहीं है और वह रिट याचिका में विवादित तथ्य पर फैसला करने की इच्छुक नहीं हैं.
अदालत ने कहा, मुआवजे के लिए उपभोक्ता अदालत जाइए. इसके लिए विशेष अदालत है. आप प्रथम दृष्टया मुझे कुछ भी नहीं दिखा पाए. मैं किसी भी विवादित तथ्य पर फैसला नहीं कर सकती. मेरी राय में प्रथम दृष्टया ऐसा कोई सबूत नहीं है जो दिखाता हो कि उत्पाद में कमी थी. रिट याचिका में इस पहलू पर फैसला नहीं किया जा सकता इसलिए इसे खारिज किया जाता है.
अदालत ने स्पष्ट किया, इस याचिका को खारिज करने का मतलब याचिकाकर्ता को उपभोक्ता अदालत में जाने से रोकना नहीं है.