बेंगलुरु : कर्नाटक के इस जिले में पॉक्सो मामले में एक गलत व्यक्ति को गिरफ्तार करने पर एक स्थानीय अदालत ने शुक्रवार को पुलिस पर 5 लाख रुपये का जुर्माना लगाया. न्यायिक हिरासत में एक साल बिताने के बाद पुलिस द्वारा गिरफ्तार किया गया व्यक्ति निर्दोष निकला.
फैसला सुनाते हुए जिला द्वितीय अतिरिक्त एफटीएससी पॉक्सो कोर्ट ने पुलिस अधिकारियों को जुर्माने की राशि अपने वेतन से देने को कहा. यह राशि पीड़ित को मुआवजे के रूप में सौंपी जाएगी. एक नाबालिग लड़की के साथ बलात्कार के मामले में नवीन के खिलाफ मंगलुरु ग्रामीण पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया था. पीड़िता का बयान दर्ज करने के बाद सब-इंस्पेक्टर रोसम्मा पी.पी. ने नवीन के खिलाफ पॉक्सो के तहत मामला दर्ज किया था. मामला पुलिस निरीक्षक रेवती को सौंपा गया.
जांच के दौरान, मंगलुरु ग्रामीण पुलिस स्टेशन से जुड़े एएसआई कुमार ने नवीन के बजाय नवीन सेक्वेरा को गिरफ्तार किया और न्यायाधीश के सामने पेश किया. पीड़ित लड़की ने मजिस्ट्रेट के सामने अपने बयान में आरोपी नवीन के बारे में उल्लेख किया था और नवीन सेक्वेरा के नाम का उल्लेख नहीं किया था. मामले में इंस्पेक्टर रेवती ने नवीन के खिलाफ चार्जशीट पेश की. पीड़िता की ओर से बहस करने वाले वकीलों ने अदालत के संज्ञान में लाया कि अदालत में प्रस्तुत किए गए सभी दस्तावेजों में आरोपी के नाम का उल्लेख केवल नवीन के रूप में है, जिसकी उम्र 25 से 26 साल बताई गई है.