हरिद्वार: अप्रैल 2012 में रुड़की क्षेत्र में हुए महंत सुधीर गिरि हत्याकांड में शुक्रवार को एडीजे प्रथम कोर्ट ने आरोपियों को हत्याकांड के लिए दोषी पाया है. साथ ही आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया. इस मामले में कोर्ट अब 17 फरवरी को सजा का ऐलान करेगी.
बता दें 14 अप्रैल 2012 की रात भीलवाड़ा गांव के बाहर हरिद्वार से कार से वापस जाते समय महंत सुधीर गिरि को बिलाड़ा मोड़ पर रोक कर बदमाशों ने ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी थी. गोलियां लगने से सुधीर गिरि की मौके पर ही मौत हो गई थी. महीनों की पड़ताल के बाद पुलिस ने इस मामले में चार आरोपियों को गिरफ्तार किया. जिन पर सुधीर गिरि हत्याकांड का आरोप था. इस मामले में फिलहाल एडीजे प्रथम रमा पांडे ने चारों आरोपियों को दोष सिद्ध पाया है. जिसके बाद तारीख पर गए सभी चारों आरोपियों को कोर्ट ने पुलिस हिरासत में देकर जेल भेज दिया.
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सुधीर गिरि और मुख्य आरोपी आशीष शर्मा के बीच संपत्ति को लेकर कुछ विवाद चल रहा था. जिसके बाद सुधीर गिरि की गोलियों से भूनकर हत्या कर दी गई. फिलहाल कोर्ट 17 तारीख को इस मामले में सजा का ऐलान करेगी. हरिद्वार के बड़े अखाड़े से जुड़े महंत सुधीर गिरि अखाड़े में एक अच्छे ओहदे पर विराजमान थे. उन पर उस समय अखाड़े की संपत्ति को भी भू माफियाओं के साथ मिलकर खुर्द बुर्द करने के संगीन आरोप लगे थे. यही कारण सुधीर गिरि की हत्या की वजह भी बना था.
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मुजफ्फरनगर से बुलाए गए थे शूटर:सुधीर गिरि हत्याकांड को अंजाम देने के लिए मुजफ्फरनगर से भाड़े के हत्यारों को मोटा पैसा देकर रुड़की बुलाया गया था. इन्हीं हत्यारों ने इस जघन्य हत्याकांड को अंजाम दिया. लंबे समय बाद आखिरकार पुलिस ने इस मामले में 4 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया. हरिद्वार में अखाड़ों की संपत्तियों को लेकर ऐसा नहीं है कि सुधीर गिरि हत्याकांड पहला हत्याकांड है. लगभग 22 सालों में 24 संतों की हत्या जमीन जायदाद को लेकर हो चुकी है.