लखनऊ: भोपाल-उज्जैन पैसेंजर ट्रेन में ब्लास्ट करने वालों की सहायता करने के साथ-साथ भारी मात्रा में गोला बारूद के साथ गिरफ्तार प्रतिबंधित संगठन आईएसआईएस के आतंकियों मोहम्मद फैसल, आसिफ इकबाल उर्फ राकी, सैयद मीर हुसैन, मोहम्मद दानिश, आतिफ मुजफ्फर, मोहम्मद अजहर, गौस मोहम्मद खान व आतिफ उर्फ आतिफ ईरानी को एनआईए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश विवेकानंद शरण त्रिपाठी ने दोषी करार दिया है. अदालत ने इन सभी आतंकियों की सजा के प्रश्न पर सुनने लिए 27 फरवरी की तिथि नियत की है.
शुक्रवार को सभी आरोपियों को लगभग एक बजे न्यायालय के समक्ष पेश किया गया, जहां पर अदालत ने सभी को दोषसिद्ध किए जाने का अपना निर्णय सुनाया. अदालत ने कहा कि 27 फरवरी को सभी आरोपियों को पेश किया जाए, उस दिन आरोपियों को सजा के प्रश्न पर सुना जाएगा.
पत्रावली के अनुसार मामले की रिपोर्ट एटीएस के डिप्टी एसपी मनीष चन्द्र सोनकर ने 8 मार्च 2017 को एटीएस थाने में दर्ज कराई थी जिसमें कहा गया कि सूचना मिल रही थी कि आईएसआईएस इंटरनेट पर लगातार आतंकवादी घटनाओं का वीडियो अपलोड कर मुस्लिम नौजवानों को अपने संगठन से जोड़ने और घटनाओं को अंजाम देने की कोशिश कर रहा है. कहा गया कि 7 मार्च को पता चला कि उक्त संगठन के सदस्यों मो. फ़ैसल, दानिश अख़्तर, आतिफ़ मुजफ्फर, सैफ़ुल्ला और अज़हर ने मध्य प्रदेश के शाजापुर में ट्रेन में मिलकर ब्लास्ट करवाया है. इस जानकारी पर पुलिस ने फ़ैसल को कानपुर से गिरफ़्तार किया था. वहीं मुठभेड़ में अन्य आरोपियों को भी गिरफ़्तार किया गया था.
कोर्ट में एनआईए के वकील एमके सिंह ने बताया कि इस मामले में बाद में लखनऊ के काकोरी में हुई मुठभेड़ में सैफ़ुल्ला मारा गया था. वहीं अन्य आरोपियों के पास से भारी मात्रा में गोला बारूद बरामद हुआ था. बाद में मामले की विवेचना एनआईए ने की और आरोपियों के ख़िलाफ़ चार्ज शीट दायर की. सभी आरोपियों पर देश के ख़िलाफ़ युद्ध करने, आतंकी गतिविधियों के लिए धन इकट्ठा करने, विस्फोटक और हथियार एकत्र करने, ज़ाकिर नाईक का वीडियो देखने के बाद जेहाद के लिए प्रशिक्षण देने समेत तमाम आरोप लगाये गए थे. सुनवाई के बाद आरोपियों पर 21 मार्च 2018 को आरोप तय किए गए था.
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