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असम के CM हेमंत के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश - हेमंत बिस्व सरमा के खिलाफ प्राथमिकी

असम के मुख्यमंत्री हेमंत बिस्व सरमा (Assam CM Himanta Biswa Sarma) के खिलाफ कोर्ट ने प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया है. उनके खिलाफ कांग्रेस सांसद अब्दुल खालिक ने शिकायत दर्ज कराई थी. गौतम देबरॉय की रिपोर्ट में जानिए क्या है पूरा मामला

Assam CM Himanta Biswa Sarma
असम के मुख्यमंत्री हेमंत बिस्व सरमा

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Published : Mar 7, 2022, 9:28 PM IST

नई दिल्ली : असम में गुवाहाटी की एक अदालत ने पुलिस को कांग्रेस सांसद अब्दुल खालिक की शिकायत के आधार पर मुख्यमंत्री हेमंत बिस्व सरमा के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया है. शिकायत में मुख्यमंत्री पर एक बेदखली अभियान के दौरान भड़काऊ टिप्पणी करने का आरोप लगाया गया है. सरमा के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने से दिसपुर थाने के इनकार के बाद कांग्रेस सांसद खालिक ने अदालत का रुख किया था. खालिक के अधिवक्ता शमीम अहमद बरभुयां ने सोमवार को यह जानकारी दी.

उप-विभागीय न्यायिक मजिस्ट्रेट, बिस्वदीप बरुआ की अदालत ने शनिवार को दिसपुर थाने को खालिक की शिकायत के आधार पर मामला दर्ज करने का निर्देश दिया. शिकायत में कहा गया है कि दरांग जिले के गोरुखुटी में चलाया गया अभियान साल 1983 में असम आंदोलन के दौरान हुईं घटनाओं का 'बदला' था, जिसमें कुछ युवक मारे गए थे.

सुनिए कांग्रेस सांसद ने क्या कहा

बरभुयां ने बताया कि खालिक ने 29 दिसंबर को दिसपुर थाने में शिकायत दर्ज कराई थी, लेकिन उसने कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं की. सोमवार को उपलब्ध आदेश में अदालत ने कहा, 'ओ.सी. दिसपुर को शिकायत में उल्लिखित आरोपों के आधार पर मामला दर्ज करने और मामले की निष्पक्ष जांच करने व जल्द से जल्द अंतिम फॉर्म जमा करने का निर्देश दिया जाता है.'

अदालत ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि पुलिस प्राथमिकी दर्ज करने के अपने कर्तव्य का पालन करने में नाकाम रही. सांसद ने अपनी शिकायत में कहा था कि मुख्यमंत्री ने सितंबर में गोरुखुटी में हुए बेदखली अभियान को जायज ठहराते हुए 'मुस्लिम समुदाय के खिलाफ सांप्रदायिक टिप्पणियां' की थीं.

मजबूरन खटखटाना पड़ा कोर्ट का दरवाजा : कांग्रेस सांसद
कोर्ट के इस आदेश पर कांग्रेस सांसद अब्दुल खालिक ने 'ईटीवी भारत' से बात करते हुए कहा कि इस फैसले ने साबित कर दिया है कि हमारे समाज में न्यायपालिका अभी भी प्रभावी है. सभी पहलुओं पर विचार करने के बाद, अदालत ने पुलिस से भारतीय दंड संहिता की धारा 153, 153 ए के तहत मामला दर्ज करने को कहा है. खालिक ने दावा किया कि गोरुखुटी की घटनाओं के बाद, सीएम सरमा ने 'कुछ सांप्रदायिक' बयान दिया जो असम के लोगों की एकता और अखंडता के खिलाफ है. सांसद ने दावा किया है कि शुरू में असम पुलिस ने सीएम के खिलाफ कोई भी मामला दर्ज करने से इनकार कर दिया, जिससे उन्हें अदालत का दरवाजा खटखटाने के लिए मजबूर होना पड़ा.

खालिक ने कहा कि इस तरह के विवादित बयान पर पुलिस को मामला दर्ज कर गहन जांच करनी चाहिए. अगर पुलिस ऐसा करने में विफल रही तो यह अदालत की अवमानना ​​होगी.

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गौरतलब है कि पिछले साल सितंबर में असम पुलिस ने विशेष रूप से दरांग के गोरुखुटी में बड़े पैमाने पर अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया था, जहां दो नागरिक मारे गए थे और कई अन्य घायल हो गए थे. इस घटना के बाद विपक्ष ने सत्तारूढ़ भाजपा पर असम में अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों के एक वर्ग को निशाना बनाने का आरोप लगाया था.

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