बिलासपुर : पीएससी 2019 में शहर में पदस्थ डीएसपी सृष्टि चंद्राकर ने CGPSC की परीक्षा में पूरे प्रदेश में दूसरा स्थान प्राप्त किया है. वहीं, उनके पति सोनल डेविड ने तीसरा स्थान प्राप्त किया है.इससे पहले दोनों 2015 में पीएससी में सफल हुए थे. दोनों का चयन सहायक जेल अधीक्षक (assistant jail superintendent) के रूप में हुआ था. इसके बाद सृष्टि चंद्राकर 2016 में सफल होते हुए डीएसपी (DSP) के पद पर चयनित हुई. उन्होंने निरंतर पढ़ाई करते हुए सफलता को छुआ है.
सृष्टि ने बताया कि वह इस सफलता के लिए इस बार कोई कोचिंग नहीं की. बल्कि पहले जो पढ़ाई की थी, उसी के दम पर वह इस बार सफल हुई हैं. सृष्टि चंद्राकर को शुरू से ही डिप्टी कलेक्टर (deputy collector) बनना था, जिसके लिए वह लगातार CGPSC की परीक्षा दे रही थीं.
पहले अटेम्प्ट में वह सहायक जेल अधीक्षक (assistant jail superintendent), दूसरे अटेम्प्ट (second attempt) में डीएसपी (DSP) और तीसरे में अपने सपने को सच कर दिखाया. आखिरकार वह डिप्टी कलेक्टर (deputy collector) के पद को पाने में सफल हो गईं. सृष्टि चंद्राकर ने बताया कि उनके पति और वह दोनों ही नौकरी करते रहे. क्योंकि दोनों ही नौकरी में रहे.
पति जेल की ड्यूटी और वह सीएसपी का पद संभाल रही थीं. उन्हें परिवार और अपने लिए सिर्फ सुबह का ही समय मिलता था, जिसमें वह परिवार को समय देती या पढ़ाई को. सृष्टि की दुविधा में पति ने साथ तो दिया ही, साथ ही उसकी सास ने भी साथ दिया. सभी ने कहा कि सृष्टि अपने सपने को पूरा करो. फिर क्या था, आखिरकार वह अपने सपने को पूरा करने में कामयाब (successful) हो ही गईं.
चयनित डिप्टी कलेक्टर (deputy collector) चकरभाटा सीएसपी सृष्टि चंद्राकर ने इस साल भी पीसीएस मेंस की परीक्षा दीं. वहीं उनके पति भी पीएससी प्री पास कर मेंस की परीक्षा में शामिल हुए थे. सहायक जेल अधीक्षक (assistant jail superintendent) सोनल डेविड ने बताया कि 2015 में सहायक जेल अधीक्षक चयनित होने के बाद वह लगातार पीएससी की परीक्षा दे रहे हैं.