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लाहौल स्पीति में आयोजित होगा देश का पहला स्नो मैराथन, मिलेगा पर्यटन को बढ़ावा - Atal Tunnel Rohtang

लाहौल स्पीति में 26 मार्च को देश में अपनी तरह का पहला स्नो मैराथन (country first snow marathon in lahaul spiti) होने जा रहा है. इसे लेकर उपायुक्त नीरज कुमार ने कहा कि 26 मार्च को ही जिला प्रशासन सिस्सू में स्नो फेस्टिवल (Snow Festival in Sissu) का भी आयोजन कर रहा है. स्नो फेस्टिवल के साथ-साथ यह आयोजन वास्तव में लाहौल स्पीति को खेल और पर्यटन दोनों की वैश्विक छवि को आगे बढ़ाने में मदद करेगा.

country first snow marathon in lahaul spiti
लाहौल स्पीति में स्नो मैराथन

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Published : Mar 25, 2022, 2:33 PM IST

लाहौल स्पीति:भारत में अपनी तरह का पहला स्नो मैराथन हिमाचल प्रदेश के जनजातीय जिला लाहौल स्पीति में आगामी 26 मार्च को होगा. इस आयोजन को लेकर लाहौल-स्पीति के उपायुक्त नीरज कुमार भी काफी उत्साहित हैं. उन्होंने बताया कि लाहौल-स्पीति में देश का पहला स्नो मैराथन (country first snow marathon in lahaul spiti) आयोजित होने जा रहा है. स्नो मैराथन का आयोजन, विश्व प्रसिद्ध अटल टनल रोहतांग के नॉर्थ पॉर्टल के समीप होगा, जहां देश-दुनिया के सैलानी बर्फ का दीदार करने के लिये बड़ी संख्या में आते हैं.

स्नो मैराथन में करीब 100 प्रतिभागी लेंगे भाग: उपायुक्त ने स्नो मैराथन के आयोजक गौरव सिमर व मुख्य सलाहकार कर्नल अरुण नटराजन व टीम संचालक कर्नल संतोष बारामूला को स्नो मैराथन के लिये लाहौल घाटी का चयन करने के लिये आभार व्यक्त किया है. उन्होंने बताया पहली बार आयोजित किये जा रहे इस खेल की ओपनिंग सेरेमनी भी ऐतिहासिक होगी. देश की पहली स्नो मैराथन में देश भर से 100 लोग भाग लेंगे. भारत में यह अपनी तरह का पहला मैराथन होगा.

इस मैराथन में सेना के 10, नेवी के 10 प्रतिभागियों के अलावा दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, तमिलनाडु, केरल और सिक्किम से भी प्रतिभागी शिरकत करेंगे. वहीं, कोविड गाइडलाइंस के कारण अन्य देशों के खिलाड़ी इस प्रतियोगिता में शामिल नहीं हो रहे हैं. आयोजकों ने उपायुक्त को अवगत करवाया कि दुनिया में लगभग 10 देशों में आर्क्टिक सर्कल, उत्तरी ध्रुव और साइबेरिया जैसी बर्फीली घाटियों में शीत कालीन स्नो मैराथन आयोजित होते हैं, लेकिन भारत में पहली बार शीत मरुस्थल लाहौल घाटी में इस तरह का मैराथन आयोजित हो रहा है.

लाहौल स्पीति में स्नो मैराथन: नीरज कुमार ने कहा कि 26 मार्च को रिच इंडिया संस्था व गोल्ड ड्रॉप एडवेंचर लाहौल स्पीति प्रशासन के सहयोग से स्नो मैराथन आयोजित कर रही है. उन्होंने बताया कि 26 मार्च को ही जिला प्रशासन सिस्सू में स्नो फेस्टिवल का भी आयोजन कर रहा है. इसके साथ-साथ यह आयोजन वास्तव में लाहौल स्पीति को खेल और पर्यटन दोनों रूप में मंत्रमुग्ध करने वाली वैश्विक छवि को आगे बढ़ाने में मदद करेगा और यह स्नो मैराथन देश के भीतर एक नये खेल को जन्म देने की पहल करेगा.

अटल टनल रोहतांग के नॉर्थ पोर्टल में कोकसर पंचायत के लोग स्नो फेस्टिवल मनाएंगे. यहां स्नो क्राफ्ट, पुरातन वस्तुएं, प्राचीन तीर अंदाजी, स्थानीय उत्पाद के स्टॉल और रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे. उन्होंने बताया कि नार्थ पोर्टल से कोकसर पंचायत तक मैराथन का आयोजन किया जाएगा. इसी दिन गोंदला में फूड फेस्टिवल का भी आयोजन किया जाएगा. बताया जाता है कि लाहौल घाटी के व्यंजन अद्भुत, स्वादिष्ट व स्वास्थ्यवर्धक होते हैं जिन्हें सैलानी बड़े चाव के साथ खाते हैं.

सैलानियों की पहली पसंद बनी लाहौल घाटी: नीरज कुमार ने कहा कि अटल टनल (Atal Tunnel Rohtang) बनने के बाद लाहौल घाटी सैलानियों की पहली पसंद बन चुकी है. हर कोई अटन टनल के साथ घाटी के नैसर्गिक सौंदर्य को निहारने के लिये लालायित रहता है. उन्होंने कहा कि घाटी में अधिक से अधिक सैलानियों को ठहरने, खाने-पीने व अन्य सुविधाओं का बड़े पैमाने पर सृजन किया जा रहा है. सैलानियों की बड़ी आमद से घाटी के लोगों की आर्थिकी में आशातीत बदलाव आएगा.

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मैराथन के साथ-साथ अन्य गतिविधियों का आयोजन: उन्होंने बताया कि आयोजकों के अनुसार फुल स्नो मैराथन में 42 किलोमीटर, हाफ 21 किलोमीटर, जबकि दौड़ 10 व 5 किमी के अलावा ज्वाय रेस एक किलोमीटर की होगी. उन्होंने बताया कि इंडिया में बर्फ से जुड़ी बहुत सी गतिविधियां होती हैं, लेकिन स्नो मैराथन पहली बार आयोजित की जा रही है. उन्होंने कहा कि स्नो मैराथान में अन्य खेलों की तरह खिलाड़ियों की संख्या सीमित नहीं होती है और इसमें हजारों की संख्या में लोग भाग ले सकते हैं.

लाहौल-स्पीति के उपायुक्त नीरज कुमार ने बताया कि शीत मरुस्थल भूमि लाहौल स्पीति में स्नो मैराथन का आयोजन (Lahaul Spiti Deputy Commissioner Neeraj Kumar) कर देश को एकता का संदेश देना है और साहसिक व स्नो खेलों का बढ़ावा देना है. उन्होंने कहा कि स्नो मैराथन के आयोजक गौरव सिमर व मुख्य सलाहकार कर्नल अरुण नटराजन के अनुसार आने वाले सालों में इसे बहुत बड़े आयोजन के रूप में मनाया जाएगा और इसके लिये जिला प्रशासन के सहयोग की जरूरत रहेगी.

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