नई दिल्ली : केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया (Union Health Minister Mansukh Mandaviya) ने शुक्रवार को कहा कि मैरियन बायोटेक द्वारा निर्मित खांसी की दवा डॉक-1 मैक्स से उज्बेकिस्तान में कथित तौर पर 18 बच्चों की मौत से जुड़ी खबरों के मद्देनजर कंपनी की नोएडा इकाई में सभी उत्पादन गतिविधियों को रोक दिया गया है. मांडविया ने ट्वीट कर बताया कि डॉक-1 मैक्स से उज्बेकिस्तान में कथित तौर पर 18 बच्चों की मौत से जुड़े मामले में आगे की जांच जारी है.
उन्होंने लिखा,'खांसी की दवा डॉक-1 मैक्स के विषाक्त होने से संबंधित खबरों के मद्देनजर केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) की टीम द्वारा किए गए निरीक्षण के बाद मैरियन बायोटेक की नोएडा इकाई में सभी उत्पादन गतिविधियों को गुरुवार रात रोक दिया गया. मामले में आगे की जांच जारी है.' सरकारी सूत्रों ने कहा कि खांसी की दवा से कथित तौर पर जुड़ी मौतों के संबंध में उज्बेकिस्तान के अधिकारियों ने गुरुवार रात को भारत से संपर्क किया और मामले की गहन जांच की मांग की.
इससे पहले, मैरियन बायोटेक के कानूनी प्रतिनिधि ने गुरुवार को बताया था कि डॉक-1 मैक्स का उत्पादन फिलहाल रोक दिया गया है. मांडविया ने गुरुवार को कहा था कि दवा कंपनी के निरीक्षण के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी. वहीं, उत्तर प्रदेश सरकार के एक अधिकारी ने कहा था कि मैरियन बायोटेक भारत में डॉक-1 मैक्स की बिक्री नहीं करती है और इसका निर्यात सिर्फ उज्बेकिस्तान में किया गया है.
मांडविया ने बताया था कि मैरियन बायोटेक की नोएडा इकाई से खांसी के उक्त सिरप के नमूने लेकर जांच के लिए चंडीगढ़ स्थित क्षेत्रीय औषधि परीक्षण प्रयोगशाला (आरडीटीएल) भेजे गए हैं. उन्होंने कहा था कि केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) मामले को लेकर 27 दिसंबर से उज्बेकिस्तान के राष्ट्रीय दवा नियामक के साथ लगातार संपर्क में था. वहीं, विदेश मंत्रालय ने बताया था कि भारत सरकार उज्बेक अधिकारियों के नियमित संपर्क में है और इस मामले में उनकी जांच का विवरण मांगा गया है.