बेंगलुरु : भ्रष्टाचार पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गहलोत ने सोमवार को कहा कि यह लगभग संस्थागत हो गया है और प्रदेश सरकार इस चुनौती से निपटने व इसे खत्म करने के लिए प्रशासनिक तथा विधायी उपाय करेगी. विधानसभा और विधान परिषद के संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए अपने संबोधन में उन्होंने यह भी कहा कि अगले पांच सालों में राज्य सरकार जन-केंद्रित अर्थव्यवस्था पर जोर देगी. गहलोत ने कहा, "देश के लिये मजबूती से खड़े रहकर व्यापक योगदान करने वाला कर्नाटक संकट की स्थिति में आ गया है. कर्नाटक को आर्थिक संकट से बाहर निकालना (नयी कांग्रेस सरकार की) प्राथमिकता होगी."
उन्होंने कहा कि सरकार कल्याण और राज्य की अर्थव्यवस्था दोनों को संतुलित करके “नए कर्नाटक शासन” को देश के सामने एक आदर्श के रूप में प्रदर्शित करेगी. उन्होंने कहा कि संकीर्ण सोच विभिन्न समुदायों के बीच विभाजन और मतभेद पैदा करती है और ऐसी मानसिकता के अवशेष अब भी समाज में विभिन्न स्तरों पर मौजूद हैं. राज्यपाल ने कहा कि सरकार एक शांतिपूर्ण और प्रेमपूर्ण समाज के निर्माण के लिए सभी कदम उठाएगी.
गहलोत ने कहा कि भ्रष्टाचार हमारी व्यवस्था में इस कदर जड़ें जमा चुका है कि कई कारणों से यह लगभग संस्थागत हो गया है. उन्होंने कहा, "इसे खत्म करना प्रमुख चुनौती है. मैं इस चुनौती से निपटने और भ्रष्टाचार को जड़ से खत्म करने के लिए आपका सहयोग चाहता हूं. सरकार इस संबंध में सभी आवश्यक प्रशासनिक और विधायी उपाय करेगी." उन्होंने कहा कि सरकार शासन को एक पवित्र दायित्व मानती है और वह गरीबों तथा सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों के साथ खड़ी है. उन्होंने कहा कि सरकार का लक्ष्य है कि सभी जातियों, धर्मों और संप्रदायों को उनका उचित हिस्सा मिले.