नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने बुधवार को कहा कि भारत में करीब 300 जिलों में कोरोना वायरस (Coronavirus Omicron India) के लिए नमूनों की जांच में साप्ताहिक संक्रमण दर 5 प्रतिशत से ज्यादा है. सरकार ने लोगों से कोरोना वायरस के नए स्वरूप ओमीक्रोन से होने वाले संक्रमण को सामान्य सर्दी-खांसी नहीं मानने और टीका लगवाने की अपील भी की. सरकार ने कहा कि महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, दिल्ली, तमिलनाडु, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, केरल और गुजरात कोविड के मामलों में वृद्धि को देखते हुए चिंता वाले राज्यों के रूप में उभर रहे हैं.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय में संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि भारत में कोविड-19 संक्रमण में तेजी से इजाफा (Sharp surge in Covid-19 cases) देखा गया है और नमूनों की जांच में संक्रमण की दर 30 दिसंबर को 1.1 प्रतिशत से बढ़कर बुधवार को 11.05 प्रतिशत हो गई. उन्होंने कहा कि दुनियाभर में कोविड के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं और पूरी दुनिया में एक दिन में अब तक के सर्वाधिक मामले 10 जनवरी को आये जिनकी संख्या 31.59 लाख थी.
अधिकारी ने कहा कि इस समय भारत में 300 जिलों में साप्ताहिक संक्रमण दर 5 प्रतिशत से अधिक है. अग्रवाल ने बताया कि देश के 19 राज्यों में इस समय कोविड-19 के उपचाराधीन मरीजों की संख्या 10,000 से अधिक है और महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, दिल्ली, तमिलनाडु, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, केरल और गुजरात कोविड के मामलों में वृद्धि की वजह से चिंता वाले राज्यों के रूप में उभर रहे हैं. टीकाकरण के महत्व पर जोर देते हुए अधिकारी ने विश्व स्वास्थ्य संगठन के हवाले से कहा कि कहा कि अस्पताल में भर्ती होने के खिलाफ टीके की प्रभावशीलता लक्षणों वाली कोविड-19 बीमारी की तुलना में काफी अधिक प्रतीत होती है.
वहीं, नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) वी के पॉल ने कहा, 'ओमीक्रोन सामान्य सर्दी-खांसी नहीं है, इसे हल्के में नहीं ले सकते. हमें सतर्कता बरतने तथा टीका लगवाने की जरूरत हैं, वहीं कोविड अनुकूल व्यवहार अपनाते रहना होगा. हमारे कोविड बचाव कार्यक्रम में टीकाकरण एक महत्वपूर्ण स्तंभ है.'
भारत के कोविड टास्क फोर्स के अध्यक्ष डॉ. पॉल ने कहा कि हमने पाया कि कि पिछले एक सप्ताह में, महानगरीय शहरों में 80 प्रतिशत से अधिक कोविड मामलों के लिए ओमीक्रोन जिम्मेदार है. हालांकि, डेल्टा के मामले भी हो सकते हैं. यह कहते हुए कि ओमीक्रोन मामलों का सटीक डेटा सरकार के पास उपलब्ध नहीं हो सकता है, डॉ पॉल ने कहा कि टीकाकरण वाले लोगों में संक्रमण गंभीर नहीं हो सकता है.