शिमला : हिमाचल प्रदेश में भारी संख्या में पर्यटकों की आमद से कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर का खतरा कहीं अधिक बढ़ गया है. ऐसे में प्रदेश सरकार पर कहीं अधिक सख्त कदम उठाने का दवाब बनता जा रहा है. बढ़ते पर्यटकों की संख्या को देखते हुए सरकार ने स्वास्थ्य निदेशक की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया है.
यह समिति डेटा विश्लेषण, अन्य राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के अनुभवों और कोविड-19 की अगली लहर से निपटने के लिए योजना तैयार करने समेत वायरस के बदलते स्वरूप को देखते हुए परामर्श देगी. यह समिति कोरोना की तीसरी लहर के लिए कार्य योजना शीघ्र प्रस्तुत करेगी.
यह समिति राज्य में अस्पताल अधोसंरचना को सुदृढ़ करने, ऑक्सीजन और दवाओं की आपूर्ति जैसी स्वास्थ्य आवश्यकताओं के बारे में अनुमान प्रस्तुत करेगी. समिति बच्चों की विशेष आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए आइसोलेशन बेड, ऑक्सीजन युक्त व आईसीयू युक्त बेड और वेंटिलेटर संख्या में वृद्धि सुनिश्चित करने के लिए भी कार्य योजना प्रस्तुत करेगी.
समिति मामले बढ़ने की स्थिति में फैसला ले सकती है कि किस क्षेत्र में किस अस्पताल को सक्रिय किया जाना है. समिति आपातकालीन सेवाओं, विशेषकर ऑक्सीजन और महत्वपूर्ण दवाएं जैसे टॉकलिजुमैब, रेमडेसिविर (Remdesivir) आदि की आपूर्ति प्रबंधन के लिए परामर्श देगी.
पर्यटक स्थलों पर सख्ती शुरू
प्रदेश के सभी जिलों में प्रशासन परिस्थितियों के हिसाब से भी निर्णय कर रहा है. ऐसे पर्यटक स्थल जहां लोगों की भारी भीड़ जमा होती वहां पर हिमाचल प्रदेश हाइकोर्ट (Himachal Pradesh High Court) की तरफ से जारी सख्त आदशों के बाद सख्ती शुरू कर दी गई है. पुलिस लोगों को मास्क पहनने पर ज़ोर दे रही है. मास्क न पहनने वाले लोगों के चालान कटे जा रहे हैं.
शिमला जिला प्रशासन ने सैलानियों के जमावड़े को रोकने के लिए सीमित संख्या में ही लोगों को शिमला के रिज मैदान और मालरोड पर प्रवेश की अनुमति देने का निर्णय लिया है. रिज और मालरोड के एंट्री प्वाइंटों पर पुलिस तैनात की जाएगी. पुलिस टीमें शारीरिक दूरी सुनिश्चित कराएंगी.
रिज और मालरोड पर बैठने के लिए लगाए कुछ बेंच भी शनिवार को हटा दिए गए. बचे बेंचों पर भी सिर्फ वरिष्ठ नागरिकों को ही बैठने की अनुमति होगी. लोगों को शारीरिक दूरी के नियमों का पालन करने के लिए जागरूक किया जाएगा.