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corona omicron variant : भारत आने वाले यात्रियों को दिखानी होगी 14 दिनों की ट्रैवल हिस्ट्री - केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण

कोरोना वायरस के नये स्वरूप (corona omicron variant) से देश को संभावित खतरे के मद्देनजर, केंद्र ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से गहन नियंत्रण, सक्रिय निगरानी, उन्नत जांच, संवेदनशील स्थानों की निगरानी, टीकाकरण के कवरेज में वृद्धि और स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे के सुधार पर ध्यान केंद्रित करने के लिए कहा है. इसके अलावा स्वास्थ्य मंत्रालय ने अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के लिए भी कई दिशानिर्देश जारी किए हैं.

Rajesh Bhushan
राजेश भूषण

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Published : Nov 28, 2021, 7:36 PM IST

Updated : Nov 29, 2021, 12:16 PM IST

नई दिल्ली : कोरोना वायरस के नये स्वरूप (corona virus new variant) से देश को संभावित खतरे के मद्देनजर, केंद्र ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से गहन नियंत्रण, सक्रिय निगरानी, उन्नत जांच, संवेदनशील स्थानों की निगरानी, टीकाकरण के कवरेज में वृद्धि और स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे के सुधार पर ध्यान केंद्रित करने के लिए कहा है.

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने भारत में अंतरराष्ट्रीय आगमन के लिए दिशानिर्देशों में संशोधन किया है. यह एक दिसंबर से प्रभावी होंगे. यात्रा से पहले एयर सुविधा पोर्टल (Air Suvidha portal) पर नेगेटिव आरटी-पीसीआर रिपोर्ट अपलोड करना होगा. इसके अलावा 14 दिनों की यात्रा विवरण भी जमा करने का आदेश दिया गया है.

इंटरनेशनल अराइवल के दौरान अतिरिक्त दिशानिर्देशों का करना होगा पालन

स्वास्थ्य मंत्रालय के दिशानिर्देशों के अनुसार, 'जोखिम वाले देशों' के यात्रियों को आगमन के बाद COVID परीक्षण देना होगा और हवाई अड्डे पर परिणामों की प्रतीक्षा करनी होगी.

ऐसे यात्रियों की रिपोर्ट नकारात्मक होने पर वे 7 दिनों के लिए होम क्वारंटाइन का पालन करेंगे. 8वें दिन पुन: परीक्षण कराएंगे और यदि नकारात्मक हो, तो अगले 7 दिनों के लिए स्वयं की निगरानी (self-monitor) करेंगे.

विदेश से समुद्री मार्ग से आने पर यात्रियों को अतिरिक्त दिशानिर्देशों का करना होगा पालन

स्वास्थ्य मंत्रालय के दिशानिर्देशों में कहा गया है कि 'जोखिम वाले देशों' को छोड़कर देशों के यात्रियों को हवाई अड्डे से बाहर जाने की अनुमति होगी और 14 दिनों के लिए स्वास्थ्य की स्वयं निगरानी (self-monitor) करेंगे.

यात्रियों के एक उप-खंड (उड़ान में शामिल कुल यात्रियों का 5%) को हवाईअड्डे पर आगमन के साथ ही यादृच्छिक रूप से (random) कोरोना जांच से गुजरना होगा.

विदेश से आने पर यात्रियों को अतिरिक्त दिशानिर्देशों का करना होगा पालन

इससे पहले राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा पालन किए जाने वाले कई उपायों को सूचीबद्ध करते हुए, केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण (Union Health Secretary Rajesh Bhushan) ने भी अंतरराष्ट्रीय यात्रियों की कठोर निगरानी पर जोर दिया. जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए नमूनों का शीघ्र भेजा जाना सुनिश्चित करना और इस चिंता के स्वरूप को प्रभावी ढंग से प्रबंधित करने के लिए कोविड-उपयुक्त व्यवहार को सख्ती से लागू करने को भी कहा है.

उन्होंने 27 नवंबर को लिखे गए एक पत्र में कहा कि सक्रियता से कदम उठाते हुए, सरकार ने पहले ही उन देशों को 'जोखिम की' श्रेणी में रखा है, जहां यह चिंता का स्वरूप पाया गया है ताकि इन गंतव्यों से भारत में आने वाले अंतर्राष्ट्रीय यात्रियों के लिए बाद में अतिरिक्त कदम उठाए जा सकें.

इन देशों से आने पर यात्रियों को अतिरिक्त दिशानिर्देशों का करना होगा पालन

भूषण ने कहा, संभावित खतरा जो यह चिंता का स्वरूप राष्ट्र के लिए पैदा कर सकता है, उसे देखते हुए यह जरूरी है कि गहन नियंत्रण, सक्रिय निगरानी, टीकाकरण की बढ़ी हुई कवरेज और कोविड-उपयुक्त व्यवहार को प्रभावी ढंग से प्रबंधित करने के लिए धरातल पर इन्हें बहुत सक्रिय तरीके से लागू किया जाना चाहिए.

स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि यह आवश्यक है कि देश में रोग निगरानी नेटवर्क को सभी देशों, विशेष रूप से 'जोखिम वाले देशों' के रूप में चिह्नित स्थानों से आने वाले अंतरराष्ट्रीय यात्रियों पर नजर रखने के लिए तैयार किया जाए.

उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के माध्यम से आने वाले यात्रियों के पिछले यात्रा विवरण प्राप्त करने के लिए पहले से ही एक रिपोर्टिंग तंत्र है. साथ ही कहा कि इसकी समीक्षा की जानी चाहिए और मंत्रालय द्वारा प्रदान किए गए प्रोटोकॉल को सख्ती से सुनिश्चित किया जाना चाहिए, जिसमें 'जोखिम वाले' देशों से आने वाले यात्रियों के उतरने पर जांच और सभी पॉजिटिव नमूनों को जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए सभी त्वरित तरीके से इनसाकॉग प्रयोगशालाओं में भेजना शामिल है.

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इस रूप परिवर्तित वायरस के कारण किसी भी वृद्धि से निपटने के लिए पर्याप्त जांच ढांचे को संचालित करने की आवश्यकता पर जोर देते हुए, भूषण ने कहा कि यह देखा गया है कि कुछ राज्यों में समग्र जांच के साथ-साथ आरटी-पीसीआर जांच के अनुपात में गिरावट आई है.

उन्होंने कहा, पर्याप्त जांच के अभाव में, संक्रमण फैलने के सही स्तर को निर्धारित करना बेहद मुश्किल है. राज्यों को जांच संबंधी ढांचे को मजबूत करना चाहिए और जांच दिशानिर्देशों को सख्ती से लागू करना चाहिए.

भूषण ने ऐसे संवेदनशील स्थानों की निरंतर निगरानी पर भी जोर दिया, जिन क्षेत्रों में हाल ही में संक्रमण के कई मामले सामने आए हैं.

(पीटीआई-भाषा)

Last Updated : Nov 29, 2021, 12:16 PM IST

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