बेंगलुरु : कोरोना वायरस का संक्रमण अब बच्चाें में भी देखने काे मिल रहा है. यह वायरस छोटे बच्चों काे ज्यादा नुकसान पहुंच रहा है. ऐसा कहा जाता है कि बच्चों के संक्रमण हाेने में घर के सदस्य ज्यादा जिम्मेदार होते हैं.
बता दें कि केवल 10 दिनों में, राज्य में 6,480 बच्चे कोरोनो वायरस से संक्रमित हुए हैं. इसलिए अगर परिवार में किसी को भी संक्रमण के लक्षण हैं, तो बच्चों से दूर रहें और तुरंत उपचार लें. अन्यथा आपके बच्चे भी संक्रमित हो जाएंगे.
अब तक प्रभावित बच्चे
मई 1- 559
मई 2- 640
मई 3- 662
मई 4- 644
मई 5- 715
मई 6- 678
मई 7- 681
मई 8- 682
मई 9- 698
मई 10- 521
कोरोना संक्रमित बच्चों का इलाज कैसे करें, इसे लेकर बाल रोग विशेषज्ञ डॉ योगेश ने सुझाव देते हुए कहा कि बच्चों में इसके बहुत सामान्य लक्षण हैं जैसे कि खांसी, बुखार, सिरदर्द और शरीर में दर्द आदि. कुछ बच्चों में पेट दर्द, मतली और दस्त के लक्षण भी हो सकते हैं. यदि ये लक्षण 2 दिनों से अधिक समय से रहे तो बच्चों के लिए कोविड टेस्ट कराना बहुत जरूरी है. सबसे खात बात है कि सांस लेने में दिक्कत जाे काेराेना संक्रमित वयस्कों में आम है, लेकिन बच्चों में कम है.
बच्चाें के लिए इलाज
बच्चों को दी जाने वाली दवा के लिए अपने डॉक्टर से सलाह लें. किसी भी दवा की स्ट्रांग खुराक बच्चाें के लिए नुकसान पहुंचा सकता है.
कई बच्चाें में कुछ दिनों के लिए लक्षण दिखते हैं फिर वे नहीं भी पता चलते हैं लेकिन बच्चे की निगरानी तब तक करें जब तक कि उसका रिपाेर्ट नेगेटिव नहीं आ जाए.
बच्चे के लिए क्वारंटीन
बड़े बच्चे और किशोराें काे क्वारंटीन किया जा सकता है. लेकिन छोटे बच्चों और शिशुओं को क्वारंटीन करना मुश्किल है. ऐसा करने से वे ज्यादा डर जाएंगे. इसलिए, देखभाल करने वालों को संक्रमण फैलाने से बचने के लिए बच्चों से उचित दूरी बनाए रखने की कोशिश करनी चाहिए.
संक्रमित बच्चों के लिए आहार
जब कोई बच्चा बीमार होता है, तो उन्हें ऐसे खाद्य पदार्थ देना सुनिश्चित करें जिनमें विटामिन और खनिज हों. उन्हें क्वारंटीन में रखें और उन्हें अच्छा, घर का बना ताजा भोजन दें.
शरीर को हाइड्रेट करना बहुत महत्वपूर्ण है. आर्युवैदिक चीजाें के मिश्रण का उपयोग प्रतिरक्षा को बढ़ावा देने के लिए भी किया जा सकता है.
बच्चाें का मानसिक स्वास्थ्य
बीमार बच्चे जब लंबे समय तक अपने दाेस्ताें से बात नहीं कर पाते और अलग-थलग पड़ जाते हैं इससे उनका मानसिक स्वास्थ्य भी प्रभावित हो सकता है. उनमें तनाव बढ़ सकती है. इसलिए घर के माहौल को शांत रखने और उन्हें आराम देने के लिए उन्हें अपने पसंदीदा खिलौने और किताबें दें.
डॉक्टर की सलाह पर दवा दें
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बच्चों को स्टेरॉयड, एंटी-वायरल, एंटी इंफ्लेम्मेटरी दवाएं न दें. मल्टीविटामिन बच्चों को दिया जा सकता है, लेकिन कम दें या डॉक्टर की सलाह पर दें. इस बात का ध्यान रखें कि वे हर समय मास्क पहनते हैं, बार-बार हाथ धोते रहे.