नई दिल्ली: मंगलवार, 27 दिसंबर को देश भर के अस्पतालों में COVID19 मामलों से निपटने के लिए आपातकालीन प्रतिक्रिया के लिए एक मॉक ड्रिल आयोजित की जाएगी. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया भी मॉक ड्रिल के लिए सरकारी अस्पताल जाएंगे. मंडाविया ने भारत की तैयारियों पर गुरुवार को राज्यसभा में स्वत: संज्ञान लेते हुए बयान दिया था.
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केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मंडाविया ने कहा कि हम लगातार स्थिति पर नजर रख रहे हैं. अभी चीन और भारत के बीच कोई भी सीधी उड़ान नहीं है लेकिन लोग दूसरे रास्तों से आते हैं. ऐसे में हम इस पर ध्यान सुनिश्चित करने पर लगे हैं कि वायरस का कोई अज्ञात स्वरूप भारत में प्रवेश न करे और साथ ही यात्रा करने में कोई बाधा न हो. कुछ प्रमुख देशों में कोविड-19 के मामलों में अचानक आई तेजी के बीच भारत में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से आग्रह किया है कि वे आगामी त्योहारी सीजन और नए साल के मद्देनजर कोविड उपयुक्त व्यवहार (सीएबी) का पालन सुनिश्चित करें.
स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को ऑक्सीजन संयंत्रों, वेंटिलेटर, रसद और मानव संसाधनों पर विशेष ध्यान देने के साथ कोविड समर्पित सुविधाओं की परिचालन तत्परता सुनिश्चित करने के लिए सभी स्वास्थ्य सुविधाओं में मॉक ड्रिल करने का भी सुझाव दिया है. हालांकि मॉक ड्रिल पर अंतिम फैसला शुक्रवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया और राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के स्वास्थ्य मंत्रियों के बीच होने वाली अहम बैठक में लिया जाएगा.
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स्वास्थ्य मंत्रालय के सूत्रों ने ईटीवी भारत को बताया कि राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को पहले से जारी निगरानी रणनीति के अनुसार पूरे राज्य में निगरानी बढ़ाने के लिए कहा गया है. अधिकारी ने कहा कि राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को भी परीक्षण सुनिश्चित करने और एहतियाती खुराक बढ़ाने को प्रोत्साहित करने के लिए कहा गया है. अधिकारी ने कहा कि राज्य सरकारों को पूरे जीनोम अनुक्रमण को बढ़ाएं और सुनिश्चित करें कि बड़ी संख्या में नमूने भेजे जाएं. उचित सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रतिक्रिया की योजना के लिए कोविड -19 मामलों, लक्षणों और मामले की गंभीरता के उभरते सबूतों की निगरानी भी की जाये.
स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि तथ्यात्मक रूप से सही सूचना का प्रसार सुनिश्चित करना और अफवाहों और नकली समाचारों का मुकाबला करना और सूचना का प्रबंधन करना महत्वपूर्ण है. स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि समुदाय में किसी भी तरह की घबराहट की भावना को कम करने के लिए हमेशा की तरह गलत धारणाओं को दूर करने और भय को दूर करने में सहयोग करें और साथ ही बुस्टर डोज के बारे में सामुदायिक जागरूकता लाएं.
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स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार 60 वर्ष से अधिक आयु के 60 प्रतिशत से अधिक लोगों ने अभी तक बुस्टर डोज एहतियाती खुराक नहीं ली है जबकि 18 से 59 वर्ष के बीच के 78 प्रतिशत से अधिक लोगों ने अभी तक बुस्टर डोज नहीं ली है. इसी तरह, 18 वर्ष की आयु के 73 प्रतिशत से अधिक लोगों को अभी तक उनकी बुस्टर डोज प्राप्त नहीं हुई है. 102.55 करोड़ पहली खुराक और 95.12 करोड़ दूसरी खुराक सहित कुल 220.02 करोड़ से अधिक खुराक दी जा चुकी है.
वैश्विक परिदृश्य का उल्लेख करते हुए, स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि वैरिएंट BF.7 जो कि BA.5 की एक उप वंशावली है, में मजबूत संक्रमण क्षमता है, अन्य वेरिएंट की तुलना में तेजी से फैलता है, इसकी ऊष्मायन अवधि कम होती है, और उन लोगों को संक्रमित करने की उच्च क्षमता होती है जिन्हें पहले COVID हो चुका है. स्वास्थ्य मंत्रालय ने वैश्विक रुख के हवाले से कहा कि बीएफ.7 भारत, अमेरिका, ब्रिटेन, बेल्जियम, जर्मनी, फ्रांस और डेनमार्क में पहले ही पाया जा चुका है.
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