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Bihar School Holiday : रक्षाबंधन के दिन स्कूल खुले हैं.. छात्र नहीं पहुंचे, शिक्षक काली पट्टी बांधकर आदेश की प्रति जला रहे हैं

बिहार के सरकारी स्कूलों की छुट्टियां रद्द करने पर बवाल मचा हुआ है. एक तरफ शिक्षक सरकार के खिलाफ काली पट्टी बांधकर प्रदर्शन कर रहे हैं तो दूसरी ओर तुष्टिकरण की राजनीति बताकर विपक्ष भी सरकार पर हमलावर है. सवाल इस बात का है कि सरकार के इस आदेश से बच्चों को कितना फायदा पहुंचा? ये सवाल इसलिए है क्योंकि जिनको पढ़ाने के लिए आदेश जारी किया गया था वो स्कूल पहुंचे ही नहीं..

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Bihar School Holiday

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Aug 31, 2023, 5:56 PM IST

Updated : Aug 31, 2023, 10:13 PM IST

देखें रिपोर्ट.

पटना : स्कूलों में बच्चों की पढ़ाई के लिए बिहार सरकार ने त्योहारों पर भी छुट्टियों की कटौती की है. नतीजा ये हुआ कि रक्षाबंधन पर 80 हजार सरकारी विद्यालय खुले रहे. बिहार शिक्षा विभाग के इस फरमान का शिक्षकों ने विरोध जताया है. शिक्षक काली पट्टी बांधकर स्कूल पहुंचे. उनका पारा तब और गरम हो गया जब स्कूलों में छात्रों की मौजूदगी न के बराबर थी.

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रक्षाबंधन में भी खुले बिहार के 80 हजार स्कूल : रक्षाबंधन के त्योहार पर पहले 30 अगस्त को छुट्टी शिक्षा विभाग के कैलेंडर में प्रस्तावित थी. बाद में जब शिक्षक संघ ने ये हवाला दिया कि 31 अगस्त को रक्षाबंधन तिथि के मुताबिक पड़ रही है, ये अनुरोध करने पर पहले शासनादेश भी जारी किया गया. लेकिन शाम होते-होते उस आदेश को वापस लेकर दूसरी अधिसूचना जारी की गई. इस बार छुट्टी को रद्द कर दिया गया. इस वजह से बिहार के 80 हजार स्कूल खुले रहे.

ईटीवी भारत GFX.

शिक्षकों ने काली पट्टी बांधकर जताया विरोध : बिहार में शिक्षकों ने शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक वाले फरमान का विरोध जताया. बिहार के सभी स्कूलों में शिक्षक पहुंचे जरूर लेकिन उन्होंने इसका विरोध जताया और कई जगह आदेश की प्रति भी जलाई गई. शिक्षकों ने कहा कि सरकार इस फैसले को अतिशीघ्र वापस ले, अन्यथा इस फैसले के विरोध के दूसरे चरण के तहत शुक्रवार से सभी शिक्षक काली पट्टी हाथ में बांधकर कार्य करेंगे और 25 सितंबर के बाद हड़ताल का फैसला लेंगे.

स्कूलों में नगण्य थी छात्रों की मौजूदगी : रक्षाबंधन पर राजधानी पटना में ईटीवी भारत ने दर्जनों विद्यालयों का भ्रमण किया. सभी जगह छात्रों की उपस्थिति न के बराबर नजर आई. पटना के मिलर उच्च माध्यमिक विद्यालय की बात करें तो 962 बच्चों में मात्र 14 बच्चे ही उपस्थित रहे. मध्य विद्यालय मीठापुर में 300 से अधिक बच्चे नामांकित हैं लेकिन, मात्र 83 बच्चे उपस्थित थे. जबकि इस विद्यालय में अल्पसंख्यक समाज के बच्चों की संख्या अधिक है. वहीं इसी विद्यालय कैंपस में चलने वाले एक और स्कूल बालक मध्य विद्यालय में 200 से अधिक नामांकित छात्रों में लगभग 20 के करीब छात्र पहुंचे थे.

जब बच्चे नहीं तो किसे पढ़ाएंगे टीचर ?: इसी स्थिति को बताने के लिए एक फोटो भी बक्सर में वायरल हो रही है. फोटो में दिख रहा है कि स्कूल में बच्चे नहीं हैं इसलिए स्कूल में टीचर कुत्तों को A, B, C, D पढ़ा रहे हैं. स्कूल की दीवार पर लिखे एबीसीडी कुत्ता गौर से देख रहा है. लोग इस तस्वीर को शेयर कर तरह तरह के कॉमेंट कर रहे हैं.

क्या है आदेश ?: दरअसल, तर्क ये है कि विद्यालय में अधिक छुट्टियों के कारण शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के अनुसार विद्यालयों में 220 दिन का कार्य दिवस रहना चाहिए. शिक्षा विभाग ने रक्षाबंधन, हरितालिका व्रत तीज, जिउतिया, विश्वकर्मा पूजा, श्री कृष्ण जन्माष्टमी, भाई दूज, गुरु नानक जयंती जैसे कई पर्व की छुट्टियां रद्द की है. शिक्षा विभाग ने 31 दिसंबर तक सरकारी विद्यालयों की छुट्टियों में कटौती कर 23 से 11 कर दिया है.

क्या है सियासत ? : बिहार के शिक्षा विभाग के बहाने विपक्षी दल सरकार को घेरने में लगे हैं. उनका कहना है कि बिहार की सरकार तुष्टिकरण की राजनीति कर रही हैं. बिहार के सरकारी स्कूलों में महिलाओं की संख्या 60 फीसदी होने के बावजूद तीज, जीउतिया की छुट्टी काट दी है. बीजेपी इसे हिन्दू त्योहारों की छुट्टियों को रद्द करने का आरोप लगा रही है.

Last Updated : Aug 31, 2023, 10:13 PM IST

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