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वर्दी पहनने से पहले पुलिसकर्मी निभाता है एक दूसरी जिम्मेदारी, जानिए क्या - classes for poor kids in mp police station

इस गांव में मुख्य रूप से दलित, आदिवासी और अन्य ओबीसी रहते हैं जो पास में स्थित खदानों में मजदूरी करते हैं. यह पूछे जाने पर कि क्या बच्चों को थाना परिसर में आने से डर लगता है, तो इस पर सब इंस्पेक्टर ने कहा कि पुलिस का उद्देश्य अपराधियों में डर पैदा करना और अच्छे लोगों का स्वागत करना है.

पुलिस की वर्दी पहनने से पहले यह शख्स निभाता है एक दूसरी जिम्मेदारी
पुलिस की वर्दी पहनने से पहले यह शख्स निभाता है एक दूसरी जिम्मेदारी

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Published : Jan 31, 2022, 2:30 PM IST

पन्ना: मध्य प्रदेश के पन्ना जिले में शिक्षक से पुलिसकर्मी बना युवक मिसाल पेश कर रहा है. गरीब बच्चों को पढ़ाने के लिए उन्होंने बीड़ा उठाया है. बता दें, इस पुलिसकर्मी ने पुलिस स्टेशन परिसर में ही एक अध्ययन केंद्र खोला है. वहीं, इस केंद्र के साथ ही लाइब्रेरी भी खोली गई है. शिक्षक से पुलिसकर्मी बने इस युवक ने बताया कि उसका उद्देश्य शिक्षा से वंचित बच्चों को मुफ्त में शिक्षा प्रदान करना है.

बता दें, 41 वर्षीय सब इंस्पेक्टर बखत सिंह हर सुबह पुलिस की वर्दी पहनने से पहले शिक्षक बनता है और कक्षा 4 से आगे के बच्चों और विभिन्न प्रतियोगी और सिविल सेवा परीक्षाओं की तैयारी कर रहे अभ्यर्थियों को सुबह 7 से 10 बजे पढ़ाता है. जिला मुख्यालय से करीब 40 किमी. दूर स्थित ब्रजपुर गांव की आबादी करीब 6 हजार है. सब इंस्पेक्टर बखत सिंह हर दिन अपने पुस्तकालय में बच्चों को पढ़ने के लिए प्रेरित करते हैं.

इस जिले में अशिक्षा और गरीबी को देखकर बखत सिंह के मन में विद्यादान का ख्याल आया. बता दें, इस गांव में मुख्य रूप से दलित, आदिवासी और अन्य ओबीसी रहते हैं जो पास में स्थित खदानों में मजदूरी करते हैं. यह पूछे जाने पर कि क्या बच्चों को थाना परिसर में आने से डर लगता है, तो इस पर सब इंस्पेक्टर ने कहा कि पुलिस का उद्देश्य अपराधियों में डर पैदा करना और अच्छे लोगों का स्वागत करना है.

उन्होंने आगे कहा कि हम पुलिस की सकारात्मक छवि बनाना चाहते हैं. मेरा दृढ़ विश्वास है कि साक्षरता और अच्छी नैतिक शिक्षा से समाज में अपराध पर अंकुश लग सकता है. वहीं, सिविल सेवा की तैयारी कर रहे एक छात्र आदर्श दीक्षित ने कहा कि वह शुरू में पुलिस थाने में आने से डरते थे, लेकिन सब इंस्पेक्टर बखत सिंह से मिलने के बाद उनका डर खत्म हो गया. उसने कहा कि वह था उनकी शिक्षण विधियों और व्यक्तित्व से प्रभावित हुआ है.

पीटीआई

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