इंफाल :मणिपुर के चुराचांदपुर जिले में शनिवार को असम राइफल्स के काफिले पर घात लगाकर हमला किया गया. उग्रवादी हमले में सीओ समेत असम राइफल्स के पांच जवान शहीद हो गए. इस हमले में उनके परिवार के दो सदस्यों की भी मौत हो गई. रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और मणिपुर के मुख्यमंत्री ने हमले की निंदा की है.
46 असम राइफल्स के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल विप्लव त्रिपाठी के काफिले पर उग्रवादियों ने सिंघाट सब-डिवीजन में उस समय हमला किया जब वह अपने परिवार के सदस्यों और क्विक एक्शन टीम के साथ यात्रा करे थे.
PLA-MNPF ने ली हमले की जिम्मेदारी
पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) और मणिपुर नगा पीपुल्स फ्रंट (एमएनपीएफ) ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है. उग्रवादी संगठनों ने एक संयुक्त बयान में दावा किया कि उन्होंने चुराचांदपुर जिले के सेहकन गांव में अर्द्धसैन्य बल पर हमले को अंजाम दिया है.
गौरतलब है कि इस हमले में 'आईईडी' विस्फोटकों का इस्तेमाल किया गया. उग्रवादी संगठनों के दावे से पूर्व असम राइफल्स की ओर से जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया, 'उग्रवादियों (संदिग्ध पीआरईपीएके/पीएलए) के हमले में कमांडिंग अफसर और त्वरित प्रतिक्रिया दल (क्यूआरटी) के तीन कर्मियों की मौके पर ही जान चली गई. कमांडिंग अफसर के परिवार (पत्नी और छह वर्षीय बेटे) की भी मौत हो गई. अन्य घायल कर्मियों को बहियंगा स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती किया गया है.' वहीं, रक्षामंत्री के ट्वीट के मुताबिक पांच जवान शहीद हुए हैं.
उग्रवादी समूह पीआरईपीएके 12/13 नवंबर को स्मरण दिवस मनाता है. दरअसल 12 नवंबर, 1978 को इसके कुछ शीर्ष नेताओं को अर्धसैनिक सीआरपीएफ और मणिपुर राज्य पुलिस के संयुक्त बल ने मार दिया था. उधर, सरकारी सूत्रों के मुताबिक भारतीय सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे को मणिपुर हमले के बारे में जानकारी दी गई है.