नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने मंगलवार को उत्तर प्रदेश सरकार से कहा कि वह धर्मांतरण गिरोह के संचालन के आरोप में सितंबर 2021 में गिरफ्तार मौलाना कलीम सिद्दीकी की विशिष्ट भूमिका से उसे अवगत कराए. शीर्ष अदालत राज्य सरकार की ओर से दायर उस याचिका की सुनवाई कर रही थी, जिसमें इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती दी गई थी.
इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने इस वर्ष अप्रैल में आदेश पारित करके भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की विभिन्न धाराओं और उत्तर प्रदेश गैर-कानूनी धर्म परिवर्तन प्रतिषेध अधिनियम, 2021 के प्रावधानों के तहत कथित अपराधों के लिए दर्ज मामले में मौलाना सिद्दीकी को जमानत दी गई थी. न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस और न्यायमूर्ति संजय कुमार की पीठ ने उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता गरिमा प्रसाद से सारिणीबद्ध तरीके से यह बताने को कहा है कि इस मामले में सिद्दीकी की विशिष्ट भूमिका क्या थी तथा उच्च न्यायालय के समक्ष इसने क्या तथ्य पेश किये थे. पीठ ने मामले की अगली सुनवाई के लिए पांच सितंबर की तारीख निर्धारित की.