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Controversy on G20 logo : जी-20 के लोगो में कमल, कांग्रेस को हुई आपत्ति तो भाजपा ने दिखाया 'आईना' - congress questions logo lotus g 20

भारत एक दिसंबर से जी-20 समूह की अध्यक्षता करेगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक दिन पहले यानी मंगलवार को इसका एक लोगो जारी किया. इस लोगो में 'कमल' चिन्ह का प्रयोग किया गया है. कांग्रेस समेत कुछ पार्टियों ने इसका विरोध किया है. उनका कहना है कि पीएम मोदी यहां पर भी अपनी पार्टी का प्रचार कर रहे हैं, क्योंकि 'कमल' भाजपा का चुनाव चिन्ह है. हालांकि, भाजपा ने इसे सिरे से नकार दिया है. इस विवाद को लेकर किसने क्या कहा, और सरकार का पूरे मामले पर क्या कहना है, एक नजर.

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जी 20 लोगो

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Published : Nov 9, 2022, 3:02 PM IST

Updated : Nov 9, 2022, 4:38 PM IST

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत की जी-20 की अध्यक्षता के लोगो, थीम और वेबसाइट का अनावरण एक दिन पहले किया. इस लोगो में कमल फूल को दर्शाया गया है. कांग्रेस ने इस पर आपत्ति दर्ज की है. कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि भाजपा हर समय हर मौके पर सिर्फ प्रचार करना जानती है. रमेश ने पीएम मोदी पर कमल चिन्ह के जरिए भाजपा को प्रमोट करने का आरोप लगाया है. आपको बता दें कि भाजपा का चुनाव चिन्ह कमल है. जयराम रमेश ने कहा कि एक वैश्विक संगठन की मेजबानी के लिए जारी लोगो पर कमल की फोटो होना एक तरह की बेशर्मी है.

जयराम रमेश ने अपने ट्वीट में लिखा कि नेहरू के समय में बहुत सारे लोग यह दबाव बना रहे थे कि कांग्रेस के झंडे को ही राष्ट्रीय झंडा घोषित कर दिया जाए, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया. लेकिन पीएम मोदी कुछ और ही कर रहे हैं.

भाजपा नेता ने सवाल किया कमल तो देश का राष्ट्रीय फूल है, तो क्या कांग्रेस इसका भी विरोध करेगी. पार्टी नेता ने कहा कि भाजपा का गठन ही 1980 में हुआ है, और कमल चिन्ह को राष्ट्रीय फूल का दर्जा 1950 में ही दे दिया गया था, फिर उनके विरोध की वजह क्या है, यह समझ के परे है.

कांग्रेस की आलोचना को लेकर पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए भाजपा राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं राज्य सभा सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि 'कमल' हजारों वर्षों से भारत और भारतीय संस्कृति में सबसे महत्वपूर्ण रहा है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस को कष्ट भले ही हो लेकिन अगर भारत को बौद्धिक और आर्थिक सुपर पॉवर बनना है तो हमें यह ध्यान रखना होगा कि लक्ष्मी जी और सरस्वती जी, दोनों ही कमल के आसन पर विराजती हैं. कमल का विरोध करने वाले भारतीय संस्कृति और हिंदू धर्म की अवमानना कर रहे हैं.

कांग्रेस को अपने अतीत की याद दिलाते हुए भाजपा राष्ट्रीय प्रवक्ता ने कहा कि किसी जमाने में कांग्रेस का चुनाव चिन्ह गाय-बछड़ा हुआ करता था तो क्या गाय भारतीय संस्कृति की प्रतीक नहीं है ?

त्रिवेदी ने कांग्रेस पर पलटवार करते हुए कहा कि भारत का राष्ट्रीय पुष्प 'कमल' का फूल ही है और इसे राष्ट्रीय पुष्प का दर्जा कांग्रेस की सरकार के कार्यकाल में ही दिया गया था. इससे यह पता लगता है कि कांग्रेस अपने ही पूर्वजों का सम्मान करना नहीं जानती है और इससे यह भी पता लगता है कि राष्ट्र और राष्ट्रवाद के किसी भी तत्व को लेकर कांग्रेस के मन में कितनी अवमानना है.

सरकार का क्या है पक्ष - एक आधिकारिक बयान के अनुसार जी-20 का लोगो भारत के राष्ट्रीय ध्वज के जीवंत रंगों से प्रेरित है - केसरिया, सफेद, हरा, और नीला. इसमें भारत के राष्ट्रीय फूल कमल के साथ पृथ्वी को जोड़ा गया है, जो चुनौतियों के बीच विकास को दर्शाता है. बयान के अनुसार पृथ्वी जीवन के प्रति भारत के धरती के अनुकूल उस दृष्टिकोण को दर्शाती है, जो प्रकृति के साथ पूर्ण सामंजस्य को प्रतिबिंबित करता है. इसमें कहा गया है कि भारत की जी-20 की अध्यक्षता का विषय (थीम)- वसुधैव कुटुम्बकम या एक धरती, एक परिवार, एक भविष्य - महा उपनिषद के प्राचीन संस्कृत पाठ से लिया गया है. यह विषय जीवन के सभी मूल्यों - मानव, पशु, पौधे और सूक्ष्मजीव- और धरती पर और व्यापक ब्रह्मांड में उनके परस्पर संबंध की पुष्टि करता है. यह थीम व्यक्तिगत जीवन शैली के साथ-साथ राष्ट्रीय विकास के स्तर पर, अपने संबद्ध, पर्यावरणीय रूप से टिकाऊ और जिम्मेदार विकल्पों के साथ लाइफ (पर्यावरण के लिए जीवन शैली) पर भी प्रकाश डालती है.

क्या कहा पीएम मोदी ने - प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोगो का अनावरण करते हुए कहा कि यह सिर्फ एक प्रतीक चिन्ह नहीं है. यह एक संदेश है. यह एक भावना है. और यह हमारी रगों में है. उन्होंने कहा कि इसके जरिए एक संदेश दिया गया है. उन्‍होंने कहा कि युद्ध से मुक्ति के लिए बुद्ध के जो संदेश हैं, और हिंसा के प्रतिरोध में महात्मा गांधी के जो समाधान हैं, G20 के जरिए भारत उनकी वैश्विक प्रतिष्ठा को नई ऊर्जा दे रहा है.

क्या है जी 20 - जी 20 में कौन-कौन देश हैं- भारत, जापान, अमेरिका, ब्रिटेन, चीन, यूरोपियन यूनियन, फ्रांस, जर्मनी, कनाडा, इटली, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, आर्जेंटीना, इंडोनेशिया, कोरिया, मैक्सिको, रूस, द. अफ्रीका, सऊदी अरब और तुर्की.

जी 20 शिखर सम्मेलन 15-16 नवंबर को बाली में होगा और मोदी समेत शीर्ष नेताओं का इसमें शामिल होना तय है. जी 20 अंतरराष्ट्रीय आर्थिक सहयोग का एक प्रमुख मंच है, जो वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का लगभग 85 प्रतिशत, वैश्विक व्यापार का 75 प्रतिशत से अधिक और विश्व की लगभग दो-तिहाई आबादी का प्रतिनिधित्व करता है.

Last Updated : Nov 9, 2022, 4:38 PM IST

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