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Zomato की '10 मिनट में खाने की डिलीवरी' घोषणा पर बढ़ा विवाद - 10 मिनट में खाने की डिलीवरी पर विवाद बढ़ा

चेन्नई ट्रैफिक पुलिस (Chennai Traffic Police) ने 10 मिनट के भीतर भोजन वितरण की घोषणा के बाद डिलीवरी स्टाफ की सुरक्षा और यातायात उल्लंघन के संबंध में जोमैटो (Zomato food delivery company) प्रबंधन से परामर्श करने का निर्णय लिया है.

Controversy over Zomato's announcement
10 मिनट में खाने की डिलीवरी पर विवाद बढ़ा

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Published : Mar 24, 2022, 5:10 PM IST

चेन्नई : खाने-पीने के सामान की ऑनलाइन डिलिवरी सुविधा उपलब्ध कराने वाले मंच जोमैटो (Zomato food delivery company) की महज 10 मिनट में ही डिलिवरी सेवा शुरू करने की घोषणा के बाद कंपनी को अलग-अलग प्रतिक्रियाओं का सामना करना पड़ रहा है. कंपनी के संस्थापक दीपेंद्र गोयल (Deependra Goyal Of Zomato) ने सोमवार को एक ब्लॉगपोस्ट में कहा था कि कंपनी इसके लिए अपने डिलिवरी भागीदारों (Delivery Partner) पर किसी तरह का दबाव नहीं डालेगी. कंपनी इस लक्ष्य को अपने नेटवर्क के जरिये हासिल करेगी. उन्होंने कहा कि आज ग्राहक अपनी जरूरतों का तेजी से जवाब चाहते हैं. वे न तो योजना बनाना चाहते हैं और न ही इंतजार करना चाहते हैं. जोमैटो ऐप पर कम समय में डिलीवरी करने वाले रेस्तरां को छांटने का फीचर है. हालांकि कई सामाजिक कार्यकर्ता इन स्पष्टीकरणों से संतुष्ट नहीं हैं, उनका दावा है कि इस घोषणा से विभिन्न समस्याएं पैदा होंगी.

तय होगी कंपनी की जिम्मेदारी: इस बारे में पूछे जाने पर चेन्नई ट्रैफिक पुलिस (Chennai Traffic Police) ने कहा कि हम कंपनी को नोटिस देने की तैयारी कर रहे हैं. ट्रैफिक पुलिस कंपनी को निर्देश देगी कि अगर योजना लागू की जाती है तो वह सुरक्षा उपायों का पालन करे. चेन्नई ट्रैफिक पुलिस की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि जल्द ही Zomato प्रबंधन के साथ एक परामर्श बैठक आयोजित की जाएगी. और यह जानकारी ली जाएगी कि वे इसे कैसे लागू करने जा रहे हैं. कंपनी को यह सुनिश्चित करना होगा कि डिलीवरी करने वाले व्यक्ति ट्रैफिक नियमों का पालन करेंगे, सिग्नल नहीं तोड़ेंगे और सड़क पर लेन का भी पूरा ख्याल रखेंगे. चेन्नई ट्रैफिक पुलिस के अनुसार यदि कोई दुर्घटना होती है, तो कानून के अनुसार कंपनी के विरुद्ध केस दर्ज होगा.

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इसके पहले, जोमैटो के संस्थापक दीपिंदर गोयल ने 22 मार्च को अपने ट्विटर पर लिखा कि जोमैटो 10 मिनट में ही डिलिवरी सेवा जोमैटो इंस्टेंट नाम से शुरू करेगा. इस घोषणा के बाद नेटिज़न्स सोशल मीडिया पर इस घोषणा का मज़ाक उड़ाते हुए विभिन्न पोस्ट कर रहे हैं. विशेष रूप से, नेटिजन ने कहा कि यह गारंटी कि विशेष रूप से दस मिनट के भीतर भोजन वितरित किया जाएगा, व्यावहारिक रूप से असंभव है और इससे डिलीवरी करने वाले व्यक्ति पर अतिरिक्त दबाव पड़ेगा. ऐसे में सड़क हादसे की संभावना बढ़ जाती है.

एक से दो किलोमीटर के भीतर सीमित व्यंजनों की ही डिलिवरी: इस पर प्रतिक्रिया देते हुए, Zomato के संस्थापक दीपिंदर गोयल ने ट्विट कर सफाई दी कि दस मिनट की डिलीवरी केवल एक से दो किलोमीटर की दूरी के भीतर के रेस्तरां पर लागू होती है. सभी रेस्तरां पर नहीं. इसमें भी सीमित व्यंजनों के लिए ही यह सुविधा है. उन्होंने यह भी बताया कि दस मिनट की इस डिलीवरी को लोकेशन से नजदीकी ग्राहक तक ही पहुंचाने की योजना है. विशेष रूप से, उन्होंने समझाया कि दस मिनट की डिलीवरी की योजना उसी तरह से बनाई गई है जैसे उनकी कंपनी वर्तमान में 20 से 30 मिनट के भीतर, सुचारू रूप से और बिना किसी समस्या के वितरित करती है. उन्होंने कहा कि डिलीवरी करने वाले व्यक्ति एक से दो किलोमीटर दूर रहने वाले ग्राहकों को 20 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से सीमित व्यंजनों को ही पहुंचाते हैं. कंपनी के संस्थापक दीपेंद्र गोयल ने स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि 10 तथा 30 मिनट दोनों ही प्रकार की डिलिवरी में देरी होने पर कोई जुर्माना नहीं है और समय पर डिलिवरी में कोई इंसेंटिव नहीं मिलेगा.

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नेताओं ने भी दी प्रतिक्रिया :कांग्रेस से लोकसभा सांसद कार्ति चिदंबरम ने ट्वीट किया कि यह गलत है. इससे डिलीवरी करने वाले व्यक्ति पर बेवजह का दबाव बनता है,जो (जोमैटो के) कर्मचारी तक नहीं है और जिन्हें न तो फायदा है और न ही कोई सुरक्षा प्राप्त है. उन्हें जोमैटो के साथ मोलतोल की शक्ति भी नहीं है. मैंने संसद में इसे उठाया है और सरकार को भी लिखा है। हम इसे आगे बढ़ाएंगे. इसी प्रकार से शिव सेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने भी जोमैटो की आलोचना की है. गोयल ने अपनी सफाई में कहा कि हम अपने डिलिवरी साझेदारों को सड़क सुरक्षा के बारे में शिक्षित करते रहते हैं साथ ही उन्हें दुर्घटना अथवा जीवन बीमा भी मुहैया कराते हैं.

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