दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

एथलेटिक्स ट्रैक पर नेताओं की गाड़ी पार्क करने से विवाद, मंत्री ने मांगी माफी - car on athletics track

पुणे के बालेवाड़ी स्थित खेल परिसर में एक समीक्षा बैठक के दौरान राकांपा अध्यक्ष शरद पवार और महाराष्ट्र के खेलमंत्री सुनील केदार समेत अन्य नेताओं की एसयूवी एथलेटिक्स ट्रैक पर पार्क किए जाने से विवाद पैदा हो गया. जिसके बाद खेल मंत्री सुनील केदार को माफी मांगनी पड़ी.

Controversy
Controversy

By

Published : Jun 28, 2021, 9:12 PM IST

पुणे :नेताओं की एसयूवी एथलेटिक्स ट्रैक पर पार्क करने के मामले में राजनैतिक रुप ले लिया. खेल समुदाय ने इस घटना की कड़ी निंदा की जिसके बाद मंत्री ने माफी मांगी. शनिवार को पवार, केदार, खेल राज्यमंत्री अदिति तटकरे ने प्रस्तावित अंतरराष्ट्रीय खेल यूनिवर्सिटी की समीक्षा के लिए बालेवाड़ी परिसर का दौरा किया.

पुणे से भाजपा विधायक सिद्धार्थ शिरोले ने यह मामले ट्विटर पर उठाया और आरोप लगाया कि पवार समेत तमाम नेताओं की गाड़ियों पार्क करने के लिए एथलेटिक्स ट्रैक का इस्तेमाल किया गया. उन्होंने ट्वीट किया कि वीआईपी कल्चर और अहंकार. शिव छत्रपति खेल परिसर का एथलेटिक्स ट्रैक पर पूर्व आईसीसी अध्यक्ष पवार, खेल मंत्री सुनील केदार, खेल राज्यमंत्री अदिति तटकरे जी.

उन्होंने कहा कि ये नेता मीटिंग हॉल तक पहुंचने के लिए एलिवेटर या सीढियों का प्रयोग कर सकते थे लेकिन उन्होंने एथलेटिक्स ट्रैक पर गाड़ियां पार्क करके देश के खिलाड़ियों का अपमान किया है. केंद्रीय खेल मंत्री किरेन रीजीजू ने भी इस पर अप्रसन्नता जताई. उन्होंने ट्वीट किया कि खेलों का ऐसा अपमान देखकर मैं व्यक्तिगत रूप से दुखी हूं. केदार ने एक समाचार चैनल से कहा कि पवार के स्वास्थ्य को देखते हुए वह सीढी नहीं चढ़ सकते थे.

यह भी पढ़ें-Palghar Factory Blast पर एनजीटी का निर्देश, घायलों को मिले 15-15 लाख रुपये मुआवजा

उन्होंने कहा कि उन्हें ट्रैक की तरफ से ही हॉल तक ले जाया जा सकता था तो उनकी गाड़ी वहां लगानी पड़ी. लेकिन बाकी गाड़ियों को रोका जा सकता था जिसके लिए मैं माफी मांगता हूं. उन्होंने कहा कि कृत्रिम ट्रैक आठ से दस साल तक चलता है जिसके बाद उसे बदलना पड़ता है. उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के कारण पिछले डेढ़ साल से ट्रैक का इस्तेमाल नहीं हो रहा था. यह पहले से क्षतिग्रस्त था. राज्य सरकार ने 2019 में ही नया ट्रैक लगाने के लिये केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेज दिया था.

(पीटीआई-भाषा)

ABOUT THE AUTHOR

...view details