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कर्नाटक सरकार के हर घर तिरंगा विज्ञापन से नेहरू गायब, दिखे सावरकर, छिड़ा विवाद

कर्नाटक में राज्य सरकार के हर घर तिरंगा विज्ञापन पर विवाद खड़ा हो गया है क्योंकि इसमें पं जवाहरलाल नेहरू की जगह विनायक सावरकर की तस्वीर दी गई है. इस विज्ञापन को लेकर राज्य सरकार कांग्रेस के निशाने पर आ गई है.

har ghar tiranga
हर घर तिरंगा

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Published : Aug 14, 2022, 10:59 PM IST

Updated : Aug 15, 2022, 6:16 AM IST

नई दिल्ली:आजादी के 75वें वर्ष में हर घर तिरंगा अभियान में हर कोई बढ़-चढ़कर भाग ले रहा है, लेकिन अब इसी अभियान के एक विज्ञापन पर विवाद छिड़ गया है. दरअसल, कर्नाटक सरकार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हर घर तिरंगा अभियान को लेकर एक अखबार में विज्ञापन प्रकाशित कराया है. विज्ञापन में देश की आजादी में अहम भूमिका निभाने वाले स्वतंत्रता सेनानियों को जगह दी गई है लेकिन इससे देश के पहले प्रधानमंत्री पं. जवाहरलाल नेहरू की तस्वीर ही गायब है. गौर करने वाली बात यह भी है कि इसमें विनायक सावरकर को जगह दी गई है. विज्ञापन पर कर्नाटक कांग्रेस ने तीखी प्रतिक्रिया दी है.

उधर भाजपा के प्रदेश महासचिव एन. रवि कुमार ने कहा, 'हमने उन्हें (नेहरू को) जानबूझकर छोड़ दिया है. जब हम अपने प्रधानमंत्री के आह्वान पर आज विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस मना रहे हैं, तो उनकी (नेहरू) तस्वीर का उपयोग करने का क्या मतलब है?' उन्होंने यह आरोप लगाया कि नेहरू ने स्वतंत्रता के बाद कांग्रेस को भंग करने के महात्मा गांधी के रुख पर ध्यान नहीं दिया. उन्होंने कहा, 'नेहरू एक ऐसे व्यक्ति थे, जिन्होंने महात्मा गांधी की बात नहीं मानी, और वह देश के बंटवारे के लिए जिम्मेदार थे, इसलिए हम उनकी तस्वीर नहीं लगाएंगे.'

वहीं भारत के दूसरे विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस के अवसर पर भाजपा ने 1947 की घटनाओं पर एक वीडियो जारी कर कांग्रेस पर निशाना साधा है. इतना ही नहीं, वीडियो में न सिर्फ पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को विभाजन का जिम्मेदार बताया गया है, बल्कि मोहम्मद अली जिन्ना के नेतृत्व वाली मुस्लिम लीग की पाकिस्तान राष्ट्र बनाने की मांग के आगे झुकने के लिए भी जिम्मेदार बताया है. इस वीडियो को लेकर कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि 14 अगस्त को विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस के रूप में मनाने के पीछे पीएम मोदी की मंशा, देश की सबसे दर्दनाक घटनाओं को राजनीतिक लाभ के लिए इस्तेमाल करना है.

उन्होंने यह भी कहा कि देश को बांटने के लिए आधुनिक दौर के सावरकर और जिन्ना का प्रयास अब भी जारी है. गौरतलब है कि पीएम मोदी ने पिछले साल 14 अगस्त को यह घोषणा की थी कि 1947 में बंटवारे के समय भारतीय लोगों के बलिदान और कष्ट की देश को याद दिलाने के लिए हर वर्ष 14 अगस्त को विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस के रूप में मनाया जाएगा.

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Last Updated : Aug 15, 2022, 6:16 AM IST

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