बस्तर में अंतिम संस्कार को लेकर हंगामा बस्तर: जिले में शव दफनाने को लेकर आए दिन विवाद हो रहे हैं. ईसाई महिला के शव के कफन दफन को लेकर सोमावार को भी जमकर विवाद हुआ. आरोप है कि इस दौरान दूसरे पक्ष की ओर से पुलिस की मौजूदगी में पत्थरबाजी की गई. इससे डरकर पीड़ित परिवार ने शव को निजी जमीन में दफनाने का फैसला किया. सार्वजनिक कब्रिस्तान के बावजूद डेढ़ दिन बाद शव निजी जमीन में दफनाने को लेकर पुलिस की भूमिका पर भी सवाल उठने लगे हैं. छत्तीसगढ़ युवा मंच के संस्थापक नरेंद्र भवानी ने इसे भारतीय संविधान का अपमान करार देते हुए मामला कोर्ट में ले जाने की बात कही है.
ग्रामीणों से साथ मिलकर बजरंग दल ने रुकवाई शवयात्रा:परपा थाना क्षेत्र के भेजरीपदर में 19 मार्च की सुबह ईसाई धर्म को मानने वाली एक महिला की मौत हो गई. परिजन और रिश्तेदार शव को दफनाने के लिए कब्रिस्तान जाने के लिए निकले. इसी दौरान कुछ स्थानीय ग्रामीणों के साथ मिलकर बजरंग दल के इनका रास्ता रोक लिया और शव दफनाने को लेकर विरोध जताया. परपा पुलिस ने दोनों पक्षों को समझाने की कोशिश की, पर बात नहीं बनी. माहौल गर्म होता देख अतिरिक्त पुलिस बल को तैनात किया गया है.
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विरोध के चलते शव दफन नहीं कर पाया परिवार:परिजनों ने सोमवार को फिर से शव दफनाने का प्रयास किया. लेकिन विरोध के चलते वे शव नहीं दफना पाए. हताश परिजन शव को कुछ देर के लिए बीच सड़क पर ही छोड़कर वापस अपने घर लौट गए. बाद में पुलिस ने परिजनों को बुलाया और विवाद के बीच शव का अंतिम संस्कार कराया. स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि "शव दफनाने के बाद दूसरे पक्ष के विरोधियों ने पुलिस के ऊपर पथराव भी किया." हालांकि पथराव की पुष्टि पुलिस अधिकारियों ने नहीं कि है. हालांकि अभी भी भेजरीपदर इलाके में तनाव बना हुआ है, जिसे देखते हुए पुलिस के जवानों को तैनात किया गया है.
जिला प्रशासन पर मूकदर्शक बने रहने का आरोप:छत्तीसगढ़ युवा मंच के संस्थापक नरेंद्र भवानी ने कहा कि "डेढ़ दिन बाद मृतका के शव को सार्वजनिक कब्रिस्तान होने के बावजूद अपमानित होकर निजी भूमि में कफन दफन किया गया. शव के दफन विधि को लेकर जिस प्रकार से विरोध प्रदर्शन हो रहा है, उस पर जिम्मेदार अधिकारियों को ध्यान देना चाहिए." जिला प्रशासन पर आरोप लगाते हुए नरेंद्र भवानी ने कहा कि "डेढ़ दिन लाश रखने के बाद झूमाझटकी की स्थिति निर्मित हुई. विरोध करने वाले लोगों की तरफ से पत्थरबाजी की गई. पीड़ित लोगों ने निर्णय लेकर निजी भूमि में शव को दफनाया. इस दौरान समस्त जिला प्रशासन के अधिकारी मूकदर्शक बने रहे. बस्तर में लगातार ऐसा माहौल बना हुआ है. छत्तीसगढ़ युवा मंच इन सब मामलों को लेकर कोर्ट में जाने के लिए पूरी तरह से तैयार है."