इंदौर।इंदौर के गवर्नमेंट लॉ कॉलेज में जुमे की नमाज के लिए छुट्टी मिलने और तथाकथित हिंदू विरोधी शैक्षणिक व्यवस्था के खिलाफ हुए उग्र प्रदर्शन के बाद अब इस कॉलेज में पढ़ाया जाने वाले साहित्य को लेकर भी विवाद खड़ा हो गया है. लिहाजा कॉलेज प्रशासन अब इस मामले में कटघरे में हैं. फिलहाल इस मामले में मध्यप्रदेश गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने इंदौर पुलिस कमिश्नर को जांच के निर्देश दिए हैं, इसके अलावा मिश्रा ने 'छात्रों से 370 जैसे मामलों में वोटिंग कराने' की बात पर भी कठोर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं.(Indore Book against hindus and sangh)
किताब में कई संवेदनशील मुद्दों पर है विवादित टिप्पणीःदरअसल गवर्नमेंट लॉ कॉलेज में लेखिका डॉ. फरहत खान द्वारा लिखित सामूहिक हिंसा एवं दांडिक न्याय पद्धति नामक पुस्तक में धारा 370 और कश्मीर को लेकर कई संवेदनशील विषयों पर विवादित टिप्पणी की गई है. इस किताब में लिखा हुआ है कि धारा 370 हटाने का विरोध क्यों जरूरी है. कश्मीर में उग्रवाद पनपने का कारण क्या है. इतना ही नहीं पंजाब में उर्दू और पंजाबी अखबार सही लिखते हैं और हिंदी अखबार झूठ लिखते हैं. डॉक्टर फरहत ने दावा किया है कि पंजाब में मुख्य आतंकवादी हिंदू हैं न की सिख. सिख प्रतिक्रिया में आतंकवादी बन रहे हैं. इधर इस मामले को लेकर कटघरे में आए कॉलेज प्रबंधन ने पूरे मामले से खुद को अनभिज्ञ बताते हुए पल्ला झाड़ने की कोशिश की है.
प्राचार्य इनामुल रहमान को नहीं है कोई जानकारीःप्राचार्य इनामुल रहमान का कहना है कि पुस्तक में क्या आपत्तिजनक लिखा है. इसकी कोई जानकारी हमें नहीं है. वह पुस्तक देखकर ही कुछ कह पाएंगे. इधर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का आरोप है कि फरहत खान द्वारा लिखी गई पुस्तक के जरिए लॉ के छात्रों में भी हिंदू विरोधी मानसिकता फैलाई जा रही है. इसके अलावा उनका ब्रेनवाश किया जा रहा है. संघ और हिंदू निशाने पर हैं. डॉक्टर फरहत खान द्वारा लिखित इस पुस्तक के पेज क्रमांक 246- 247 में उल्लेख किया गया है कि आज देश में आंतरिक फूट की प्रवृत्ति पनप रही है. राष्ट्रीय अखंडता का संकट है. हिंदू संप्रदायवाद विध्वंसकारी विचारधारा के रूप में उभर रहा है. विश्व हिंदू परिषद जैसा संगठन हिंदू बहुमत का राज स्थापित करना चाहता है. दूसरे समुदायों को शक्तिहीन बनाकर गुलाम बनाना चाहता है. वह किसी भी बर्बरता के साथ हिंदू राज्य की स्थापना को उचित ठहरा रहा है. (controversial book indore in law college library)