रायपुर :छत्तीसगढ़ के जांजगीर चांपा जिला स्थित मड़वा पावर प्लांट के संविदा कर्मचारियों (Clashes between land displaced contractual employees) का 28 दिनों से चल रहा आंदोलन रविवार को उग्र हो गया. पुलिस ने आंदोलन को समाप्त करने के लिए सख्ती दिखाई. उसके बाद प्रदर्शनकारियों का गुस्सा और भड़क गया. आंदोलनकारियों ने बल प्रयोग कर रहे पुलिसकर्मियों पर पथराव किया. प्लांट के भवन, सरकारी वाहनों में जमकर तोड़ फोड़ की और कार को आग के हवाले कर दिया.
प्रदर्शनकारियों ने ग्रामीणों के बीच फंसे पुलिसकर्मियों पर भी हमला कर दिया. प्लांट के सामने अभी भी तनावपूर्ण स्थिति है. प्लांट के अंदर जिले के आला अधिकारी बंधक बने हुए हैं. अभी भी हालात काफी गंभीर है.
पावर प्लांट के कर्मचारियों और पुलिस के बीच झड़प जांजगीर चांपा जिला के मड़वा पावर प्लांट के 400 भू विस्थापित और संविदा कर्मचारी लगातार 28 दिनों से आंदोलन कर रहे हैं. आंदोलन को समाप्त कराने के लिए जिला प्रशासन ने कंपनी प्रबंधन और आंदोलनकारियों के बीच वीडियो कांफ्रेंसिंग से वार्ता तय की थी. रविवार शाम 4 बजे वार्ता के लिए 10 भू विस्थापित लोगों से प्लांट के अंदर बातचीत की गई. जिसके बाद पुलिस ने अन्य भू विस्थापितों की गिरफ्तारी शुरू कर दी. जिससे माहौल और तनावपूर्व हो गया.
लोगों ने गिरफ्तारी पर रोक लगाने की मांग की. जिसके बाद तनाव खुलकर सामने आ गया. पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर फायर ब्रिगेड की मदद से पानी की बौछार की. पुलिस के इस एक्शन का रिएक्शन दिखा लोगों ने पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया. इस पथराव के बाद पुलिसकर्मी भागने लगे.
इस दौरान भीड़ ने महिला पुलिसकर्मी के साथ भी बदसलूकी की. ग्रामीणों के उग्र रूप के बाद एसपी और कलेक्टर रेस्ट हाउस में बंधक के तौर पर हैं. इतना ही नहीं भीड़ ने प्लांट के गेट में जमकर तोड़फोड़ की और कार को आग हवाले कर दिया. प्लांट के अंदर बंधक बने अधिकारियों को बाहर निकालने और भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस लाइन से फोर्स बुलाई गई.
भू विस्थापितों की क्या हैं मांगें
मड़वा पावर प्लांट छत्तीसगढ़ शासन के अधीन है. जमीन खरीदते समय शासन ने भू विस्थापितों को नियमित नौकरी देने का वादा किया था. लेकिन 6 साल बाद भी नियमित नौकरी उन्हें नहीं मिल पाई. यही वजह है कि करीब 400 भू विस्थापित संविदा कर्मियों ने नौकरी की मांग को लेकर 28 दिन पहले से आंदोलन शुरू कर दिया. आज आंदोलन ने उग्र रूप धारण कर लिया. अब देखना होगा की प्रबंधन और जिला प्रशासन इस मामले में आगे क्या एक्शन लेता है.