धारवाड़: कर्नाटक की धारवाड़ जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ने एक डॉक्टर को 11 लाख 10 हजार रुपये जुर्माना भरने का आदेश जारी किया है, जिसने एक गर्भवती महिला की स्वास्थ्य जांच के दौरान माता-पिता को इस बात की जानकारी नहीं दी कि गर्भ में पल रहा बच्चा विकलांग है और इस मामले में लापरवाही दिखाई. भाविकट्टी, श्रीनगर, धारवाड़ के निवासी परशुराम घाटगे ने आयोग का दरवाजा खटखटाते हुए आरोप लगाया था कि उनकी पत्नी प्रीति, जो गर्भवती थी, उसने तीसरे महीने से नौवें महीने तक धारवाड़ की एक प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ. सौभाग्य कुलकर्णी द्वारा जांच और इलाज कराया था.
डॉक्टर ने 12 जुलाई 2018 से 8 जनवरी 2019 तक 5 बार स्कैन किया था. लेकिन उन्होंने बताया कि गर्भ में बच्चे का विकास अच्छा है और बच्चा स्वस्थ है. बाद में जब वह 9वें महीने में उसी डॉक्टर के पास जांच के लिए गए तो उसने सिजेरियन डिलीवरी कराने की सलाह दी. लेकिन आर्थिक दिक्कतों के चलते उनकी पत्नी की डिलीवरी 31 जनवरी 2019 को धारवाड़ एसडीएम अस्पताल में हुई. डिलीवरी के दौरान एक कन्या का जन्म हुआ, जिसके दोनों पैर अपंग थे.