नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संविधान दिवस के अवसर पर शुक्रवार को देशवासियों को बधाई दी और संविधान सभा में संविधान को अंगीकार करने के लिए पेश किए गए विधेयक के दौरान बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर के भाषण का एक हिस्सा भी साझा किया. ज्ञात हो कि संविधान दिवस 26 नवंबर को मनाया जाता है क्योंकि 1949 में इसी दिन संविधान सभा ने भारत के संविधान को अंगीकार किया था. संविधान दिवस की शुरुआत 2015 से की गई थी। भारत का संविधान 26 जनवरी, 1950 को लागू हुआ था.
प्रधानमंत्री ने एक ट्वीट में कहा, 'संविधान दिवस की शुभकामनाएं.' उन्होंने देश के पहले राष्ट्रपति डॉक्टर राजेन्द्र प्रसाद द्वारा व्यक्त किए विचारों का हवाला देते हुए एक अन्य ट्वीट में कहा कि कोई भी संविधान चाहे वह कितना ही सुंदर, सुव्यवस्थित और सुदृढ़ क्यों न बनाया गया हो, यदि उसे चलाने वाले देश के सच्चे, निस्पृह, निस्वार्थ सेवक न हों तो संविधान कुछ नहीं कर सकता.
उन्होंने कहा, 'डॉ. राजेंद्र प्रसाद की यह भावना पथ-प्रदर्शक की तरह है.'
संविधान दिवस, 2021 के अवसर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित राजनेताओं ने अपने-अपने विचार व्यक्ति किये. केंद्रीय गृह अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने संविधान दिवस को याद करते हुए इसकी महत्ता और संविधान के निर्माण में भारत रत्न डॉ. बीआर अंबेडकर और डॉ. राजेंद्र प्रसाद के योगदान का उल्लेख किया.
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केंद्रीय गृह अमित शाह ट्वीट किया, 'संविधान लोकतंत्र की आत्मा होने के साथ-साथ भारत की एकता व प्रगति का मूल आधार है. संविधान दिवस पर भारतीय संविधान के शिल्पी बाबासाहेब अंबेडकर व सभी महापुरुषों को नमन करता हूँ. मोदी सरकार बाबासाहेब के पदचिन्हों पर चलकर देश के हर वर्ग के कल्याण व उन्हें अधिकार दिलाने हेतु कटिबद्ध है.'
भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने ट्वीट किया, 'हम सभी भारत रत्न बीआर अंबेडकर को स्वतंत्र भारत में उनके योगदान और भारत के संविधान को देने के लिए याद करते हैं जो आज हमारे पास है. 1949 में आज ही के दिन संविधान सभा ने भारत के संविधान को अंगीकार किया था.