प्रयागराजः उमेश पाल हत्याकांड को अंजाम देने के लिए फिल्मी स्टाइल में साजिश रची गयी थी. दो हफ्ते से ज्यादा समय की पड़ताल के बाद पुलिस को पता चला है कि उमेश पाल हत्याकांड को अंजाम देने से पहले अभिनेता अजय देवगन की फ़िल्म दृश्यम की तर्ज पर पुलिस को गुमराह करने की योजना बनायी गयी थी. पुलिस की अब तक कि जांच में पता चला है कि उमेश पाल हत्याकांड में अतीक अहमद के बेटे को शूटआउट के दौरान कार से बाहर नहीं निकलना था लेकिन असद ने पिस्टल निकालकर खुद गाड़ी से बाहर आकर ताबड़तोड़ फायरिंग करके प्लान बिगाड़ दिया और उसका चेहरा सबके सामने आ गया. इसके साथ ही उसके सिर पर पुलिस ने ढाई लाख रुपये का इनाम भी घोषित कर दिया है.असद अहमद के साथ पांच अन्य शूटरों पर ढाई ढाई लाख का इनाम घोषित किया गया है
पुलिस सूत्रों के अनुसार उमेश पाल हत्याकांड की 15 दिन की जांच में यह बात भी पता चला है कि घटना के बाद अतीक अहमद के बेटे का नाम सामने आने के बाद उसे बचाने की भी पूरी योजना बनायी गयी थी. इसके तहत घटना वाले दिन से पहले ही असद के मोबाइल को लखनऊ स्थित उसके फ्लैट में ही रखा गया था. इसके साथ ही पुलिस को चकमा देने के लिए 24 फरवरी के ही दिन असद के एटीएम कार्ड से पैसे भी लखनऊ में निकाले गए थे.
पुलिस को जांच के दौरान यह पता चला है कि उमेश पाल के हत्याकांड के दौरान बाहुबली अतीक अहमद के बेटे असद को गाड़ी से उतरना प्लान में शामिल नहीं था लेकिन उसके बावजूद साजिशकर्ताओं को इस बात की आशंका थी कि इस घटना के बाद अतीक अहमद के साथ ही उसके बेटे असद का नाम आरोपियों में शामिल किया जाएगा. शायद यही वजह थी कि उस आरोप से असद को बचाने के लिए फ़िल्म दृश्यम की तर्ज पर साजिश रची गयी और असद के मोबाइल को लखनऊ भेजा गया. पुलिस सूत्रों के अनुसार जहां उस मोबाइल को असद के फ्लैट में रखा गया था जिसके जरिये जरूरत पड़ने पर यह साबित करने का प्रयास किया जाता कि असद लखनऊ में अपने फ्लैट में था. क्योंकि उसके मोबाइल की वजह से उसकी लोकेशन लखनऊ में दिखती.