Karnataka Election 2023: बीजेपी ने इस बार 23 विधायकों को नहीं दिया टिकट, 7 ने की बगावत - कर्नाटक बीजेपी में बगावत
कर्नाटक विधानसभा चुनाव 2023 में बीजेपी ने इस बार 73 नए चेहरों को मैदान में उतारा है, जबकि 23 मौजूदा विधायकों को टिकट नहीं दी है. ऐसे में पार्टी को नेताओं के विरोध और बगावत का सामना पड़ रहा है. अब बीजेपी की केंद्रीय चुनाव समिति ने बागियों को मनाने की जिम्मेदारी प्रदेश के नेताओं को सौंपी है.
कर्नाटक विधानसभा चुनाव 2023
By
Published : Apr 21, 2023, 7:14 AM IST
|
Updated : Apr 21, 2023, 7:50 AM IST
बेंगलुरु:कर्नाटक विधानसभा चुनाव 2023 की जिम्मेदारी बीजेपी आलाकमान ने अपने हाथों में ली है. इसीलिए बीजेपी ने इस बार के विधानसभा चुनाव में 73 नए चेहरों को मैदान में उतारकर नया प्रयोग किया है, जबकि 23 मौजूदा विधायकों का टिकट कटा है. ऐसे में कई विधायकों ने पार्टी से बगावत कर दी है. ऐसा पहली बार हुआ है कि बीजेपी आलाकमान ने इस बार प्रदेश के नेताओं को जिम्मेदारी ना देकर खुद ही प्रत्याशियों का चयन किया है.
बीजेपी के केंद्रीय चुनाव समिति ने राज्य समिति से उम्मीदवारों की सूची लेकर कई विधायकों और पूर्व विधायकों के विधानसभा क्षेत्रों में अभियान चलाया, उसके बाद नए चेहरों को मौका दिया है. हालांकि, प्रदेश इकाई को भी इतने बड़े प्रयोग की उम्मीद नहीं थी. बीजेपी ने इस बार चौंकाने वाले फैसले के जरिए सभी का ध्यान अपनी ओर खींचा है. ऐसे में पार्टी को नेताओं के विरोध और बगावत का सामना करना पड़ रहा है.
पूर्व मुख्यमंत्री ने की बगावत:भाजपा ने इस बार 23 मौजूदा विधायकों को टिकट न देकर नए चेहरों को मौका दिया है. इसमें हुबली धारवाड़ विधानसभा सीट प्रमुख है. बीजेपी के दिग्गज नेताओं में शुमार पूर्व मुख्यमंत्री जगदीश शेट्टार को भी बीजेपी ने इस बार टिकट नहीं दिया. इससे नाराज होकर शेट्टार ने कांग्रेस का दामान थाम लिया है. बीजेपी ने शेट्टार की जगह संगठनात्मक जिम्मेदारी संभाल रहे महेश कोकोनट को टिकट दिया है.
इसके अलावा शिवमोग्गा शहर एक और अहम इलाका है, जहां मौजूदा विधायक को टिकट नहीं दिया गया है. ईश्वरप्पा ने हाईकमान चुनावी राजनीति से संन्यास लेने की घोषणा की और अपने परिवार के लिए टिकट की मांग की, लेकिन पार्टी ने उनको टिकट नहीं देकर एक कार्यकर्ता को टिकट दिया है. ऐसे में टिकट की मांग कर रहे अयानूर मंजूनाथ पार्टी से बगावत कर जेडीएस में शामिल हो गए.
नामांकन पत्र जमा करने की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है और प्रदेश भाजपा के नेता मैदान में उतरे बागियों को मनाने के लिए आगे आ गए हैं. हाईकमान ने इसकी जिम्मेदारी प्रदेश के नेताओं को दी है. 24 अप्रैल नामांकन पत्र वापस लेने का अंतिम दिन है और अगले तीन दिनों तक वे मनाने का काम करेंगे. दूसरी पार्टियों से चुनाव लड़ने वाले और निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर मैदान में उतरने वालों को मनाने का काम करेंगे.
अंगारा, सुकुमारशेट्टी जैसे विधायक, कट्टे सत्यनारायण जैसे पूर्व पार्षद, जिन्होंने टिकट न मिलने पर पार्टी से बगावत का झंडा बुलंद कर दिया और कहा कि वे टिकट न मिलने पर बागी के रूप में मैदान में उतरेंगे. हालांकि, भाजपा उनमें से अधिकांश को नामांकन पत्र जमा नहीं करने के लिए मनाने में सफल रही हैय पार्टी के बागी नेता, जिन्होंने अब गैर-दलीय उम्मीदवारों के रूप में अपना नामांकन पत्र जमा किया है, उन्हें मनाया जाएगा.